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जब महागठबंधन में सब ठीक, तो फिर चौटाला ने क्यों नहीं पहनी नीली पगड़ी

हाल ही में जाट नेता और इनेलो प्रमुख ने विपक्ष की एकता के लिए मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तक बता दिया था

FP Staff

इंडियन नेशनल लोकदल और बीएसपी का दावा है कि उसका गठबंधन अटूट है. लेकिन रविवार को सम्मान दिवस रैली के मंच पर जो कुछ दिखा, वो इस दावे को दरकिनार करता है. इस रैली में हुई घटना के बाद सवाल उठ रहे हैं कि जब दोनों दलों का दिल का रिश्ता है तो फिर इनेलो सुप्रीमो ने बीएसपी की नीली पगड़ी पहनने से इनकार क्यों कर दिया.

वहीं दूसरी तरफ इस रैली के जरिए इनेलो नेताओं का पारिवारिक मनमुटाव भी परिवार की बजाए पहली बार मंच पर देखने को मिला. दरअसल बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष भारती मंच पर ओमप्रकाश चौटाला को बीएपसी की नीली पगड़ी पहनाने पहुंचे थे. लेकिन चौटाला ने नीली पगड़ी पहनने से इनकार कर दिया. वो कोशिश करते रहे लेकिन उनकी कोशिश कामयाब नहीं हुई.


रैली में सामने आया पारिवारिक मनमुटाव

वहीं इस रैली में इनेलो नेताओं का पारिवारिक मनमुटाव भी सामने आ गया. इनेलो नेता अभय चौटाला रैली को संबोधित करने पहुंचे तो दुष्यंत चौटाला के समर्थकों ने जमकर हूटिंग की. इतना ही नहीं ओमप्रकाश चौटाला के सामने भी दुष्यंत के समर्थन में नारेबाजी हुई. जिसके बाद इनेलो सुप्रीमो को सख्त तेवर दिखाने पड़े. इनेलो ने जहां रैली के जरिए अपनी ताकत का एहसास कराने की कोशिश की थी, वहीं रैली में हुई कुछ घटनाओं ने विरोधियों को बोलने का मौका दे दिया.

मायावती को बताया था प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार

गौरतलब है कि हाल ही में जाट नेता और इनेलो प्रमुख ने विपक्ष की एकता के लिए मायावती को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तक बता दिया था. इसी के साथ चौटाला ने यह भी कहा था कि अगर इनेलो और बीएसपी के गठबंधन वाली सरकार हरयाणा में बनती है तो गरीबों और किसानों के कर्ज भी माफ किए जाएंगे. हालांकि सम्मान दिवस रैली में नीली पगड़ी न पहनने के चलते उनके इस कथन पर भी सवाल उठने लगे हैं.