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'पायका विद्रोह’ को आजादी की पहली जंग घोषित करे केंद्र सरकार: पटनायक

1817 में ओडिशा में पायका विद्रोह हुआ था

Bhasha

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को केंद्र से अपील की कि वह राज्य के ‘पायका विद्रोह’ को भारत की आजादी की पहली जंग घोषित करे. मंगलवार को ओडिशा कैबिनेट ने यह मांग करने का फैसला किया था .

पटनायक ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर कहा, ‘मैं भारत सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस प्रस्ताव पर सकारात्मक रूप से विचार करे ताकि भारत के लोग सही तरीके से उन घटनाक्रमों के बारे में समझ सकें जिनसे भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष और विदेशी शासन से हमारी ऐतिहासिक आजादी संभव हो सकी.’


हर तबके की थी हिस्सेदारी 

पटनायक ने कहा कि 1817 में ओडिशा में हुए पायका विद्रोह को सिर्फ इसलिए ‘भारतीय आजादी की पहली जंग’ नहीं कहेंगे, क्योंकि यह 1857 में हुए सिपाही विद्रोह से चार दशक पहले हुआ, बल्कि इसकी प्रकृति और विशेषताओं के कारण कहेंगे .

उन्होंने कहा कि ‘पायका विद्रोह’ ईस्ट इंडिया कंपनी के दमनकारी शासन के खिलाफ एक व्यापक और सुसंगठित संघर्ष था .

पटनायक ने कहा कि इस विद्रोह में हर तबके के लोगों ने हिस्सा लिया था .

इस बीच, पटनायक ने आरोप लगाया कि नई दिल्ली में राज्य सरकार को आवंटित जमीन का एक हिस्सा एक पेट्रोल पंप को लीज पर दे दिया गया है और केंद्र सरकार जमीन का वह हिस्सा लौटाए .

मुख्यमंत्री ने केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखे पत्र में यह मांग की . वह प्रधान के उस पत्र का जवाब दे रहे थे जिसमें केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली में ओडिशा के खानपान और कला एवं संस्कृति को लोकप्रिय बनाने के कदमों के बारे में जानना चाहा था.