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ओडिशा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने अपने पद से इस्तीफा दिया

नवंबर 2011 में बलात्कार की शिकार एक 19 वर्षीय दलित लड़की की जून 2012 में मृत्यु हो गई थी. इससे राज्य में हाहाकार मच गया था. यह आरोप लगाया गया था कि मामले के आरोपियों को महारथी ने शरण दी थी

FP Staff

ओडिशा के कृषि मंत्री प्रदीप महारथी ने अपने पद से इस्तीफ दे दिया है. महारथी ने अपना इस्तीफा चीफ मिनिस्टर ऑफिस में भिजवा दिया है.

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ओडिशा सरकार से पिपिली सामूहिक बलात्कार-हत्या मामले की फिर से जांच करने का आग्रह करने के एक दिन बाद, प्रदीप महारथी ने इस्तीफा दे दिया है. महारथी, नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली सरकार में कृषि मंत्री थे. 2011-2012 के इस केस में महारथी ने आरोपियों के बरी होने पर अपनी टिप्पणी दी थी जिसके लिए रविवार को उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

24 दिसंबर, 2018 को भुवनेश्वर में अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत ने मामले में गिरफ्तार किए गए दो लोगों को बरी कर दिया था. आरोपियों के बरी होने के बाद, महारथी ने कहा था, 'मैं अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं. यह सत्य की जीत है. पीड़ित लड़की को न्याय मिला है.' विपक्ष और पीड़ित के परिवार वालों ने बयान का विरोध किया साथ ही आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.

नवंबर 2011 में बलात्कार की शिकार एक 19 वर्षीय दलित लड़की की जून 2012 में मृत्यु हो गई थी. इससे राज्य में हाहाकार मच गया था. यह आरोप लगाया गया था कि मामले के आरोपियों को महारथी ने शरण दी थी. उन्हें उस समय पूरे राज्य में होने वाले विरोध प्रदर्शनों के कारण मंत्रालय से इस्तीफा देना पड़ा. 2014 में बीजू जनता दल (BJD) के सत्ता में लौटने के बाद वह फिर से मंत्री बने.

शनिवार को बारीपदा में एक रैली को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने ओडिशा सरकार पर महिलाओं और लड़कियों के कल्याण के बारे में गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, 'यह (राज्य) सरकार 7-8 पहले हुए एक घटना में लड़की को न्याय देने में विफल रही. यह स्वाभाविक है कि महिलाएं और लड़कियां मामले की जांच में ढिलाई बरतने से नाराज हैं, जिसके लिए पीड़ित को न्याय से वंचित किया गया है.'