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अब तो केशव ही तय करेंगे किसके सिर सजेगा यूपी का ताज

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने केशव को ही सौंपी सीएम चुनने की जिम्मेदारी

Amitesh

होली बीते दो दिन हो गए हैं लेकिन, अबतक होली का खुमार बीजेपी के नेताओं के सिर से उतर नहीं पा रहा है. होली से लेकर दीवाली तक सब एक साथ मनाई गई. मनाई जाए भी क्यों न, चौदह साल का वनवास जो खत्म हुआ है.

सबसे बड़े प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी विजय ने बीजेपी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक सबको एक नई उर्जा से लबरेज कर दिया है.


इस खुमारी की बानगी बीजेपी संसदीय दल की बैठक में भी दिखी. संसद के बजट सत्र के बीच बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी के सभी सांसदों को तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रसाद खिलाया गया. प्रसाद खाकर सबने भगवान बालाजी का शुक्रिया ही किया होगा.

लेकिन, संसदीय दल की बैठक से बाहर निकलने के बाद जो कुछ भी हुआ शायद उससे बीजेपी के भीतर की कुछ हलचल छलकती नजर आई.

यूपी की जीत के बाद आत्मविश्वास से लबरेज अमित शाह और केशव प्रसाद मौर्या एक साथ बाहर निकले. दोनों के चेहरे पर मुस्कान थी. यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या तो हर वक्त ही हंसते मुस्कुराते नजर आ जाते हैं. यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी इस काबिलियत की सार्वजनिक मंच से सराहना कर दी थी.

लेकिन, इस बार अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कदम ताल कर चल रहे केशव प्रसाद मौर्या की मुस्कुराहट का अब क्या अंदाजा लगाया जाए, क्योंकि उनके अध्यक्ष ने तो उनके ऊपर एक और बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी.

जिम्मेदारी सौंपकर अमित शाह ने हैरत में डाला

जिस बात को लेकर सब परेशान हैं. मंथन का दौर चल रहा है, चुनाव नतीजे आने के बाद अबतक पार्टी इस बात का फैसला नहीं कर पा रही है कि यूपी का मुख्यमंत्री कौन होगा, ये जिम्मेदारी सीधे केशव प्रसाद मौर्या के हाथों में सौप कर अमित शाह ने सबको परेशान कर दिया.

इसे शाह की गुगली कहें या कोई संकेत लेकिन, जो काम मोदी-शाह की ताकतवर जोड़ी अबतक नहीं कर पाई है, उस काम को सीधे केशव के हाथों में देकर अमित शाह ने तो सबको चौंका ही दिया है. सब परेशान, एक-दूसरे का मुंह ताकते नजर आए. लेकिन, केशव प्रसाद मौर्या के चेहरे पर वही मुस्कुराहट दिखती रही.

यूपी का किंग बनने की कोशिश में लगे मौर्या को किंग बनाने का अधिकार मिल गया. यानी जिसे चाहे यूपी की बागडोर थमा दें, भाई मालिक तो आप ही हैं अब.

लेकिन, मौर्या बेचारे अब फंस गए हैं नैतिकता के उहापोह में. पार्टी के अनुशासित और समर्पित कार्यकर्ता को बीजेपी के उस सिद्धांत की याद सताने लगी है जिसमें राष्ट्र पहले, पार्टी दूसरे और खुद को तीसरे नंबर पर रखा जाता है.

यूपी के सीएम पद की रेस में चल रहे केशव प्रसाद मौर्या को भी शायद अपनी नई जिम्मेदारी का एहसास होने लगा. जो पहले ये कहते नहीं थकते थे कि पार्टी आलाकमान मुख्यमंत्री का नाम तय करेगा, अचानक सुर बदल गए. कहने लगे कि जब मुझे खुद ही जिम्मेदारी दे दी गई है तो अपना नाम कैसे ले सकता हूं.

जिम्मेदारी के बाद भी मुस्कुराते दिखे

उनके चेहरे की मुस्कान और हंसी अभी भी पहले की तरह ही दिख रही थी. लेकिन, उनके भीतर की हलचल शायद उनके किंगमेकर की जिम्मेदारी के बोझ तले दबने से दिख नहीं रही थी.

लेकिन, कुछ घंटे बाद खबर आई कि यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या की तबीयत खराब हो गई है. केशव राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंच गए हैं.

केशव प्रसाद मौर्या ने अस्पताल से ही ट्वीट कर सेहत ठीक होने की बात कही है. अब दो दिन बाद 18 मार्च को बीजेपी विधायक दल की बैठक में यूपी के नए सरताज के नाम का ऐलान होने वाला है. लेकिन, ये अब भी रहस्य बना हुआ है, बीजेपी के केशव किसे देंगे यूपी की कमान ?