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उत्तराखंड चुनाव 2017: अब वोटर की बारी

चुनाव के नतीजे 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे

Alok Shukla

तकरीबन एक महीने से जारी चुनावी शोर सोमवार शाम को थम गया. अब तक चुनाव की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. प्रदेश की 70 सीटों पर 637 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं.

लेकिन कर्णप्रयाग से बसपा प्रत्याशी कुलदीप की एक हादसे में मौत हो जाने के कारण अब 15 फरवरी को केवल 69 सीटों के लिए ही मतदान होंगे.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और तमाम केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही राहुल बाबा और उनके चंद सिपहसालारों ने भी दुंदुभि बजाई.

अब मतदाताओं की बारी आ गई है. प्रदेश के 76,10,126 मतदाता  प्रदेश के 628 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे. इनमें भी खामोश मतदाताओं का अहम रोल होने की उम्मीद है.

कांग्रेस के स्टार प्रचारक खुद मुख्यमंत्री हरीश रावत रहे जिन्होंने गढ़वाल और कुमाऊं की लगभग सभी सीटों पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर ताबड़तोड़ रोडशो, रैलियां और सभाएं की.

प्रियंका ने नहीं किया प्रचार

काफी डिमांड के बाद भी कांगेस पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका को प्रचार के लिए नहीं ला पाई.

हालांकि राहुल बाबा के अलावा सचिन पायलट, आनद शर्मा, सलमान खुर्शीद, दीपदास मुंशी, शर्मिष्ठा, रणदीप सुरजेवाला और बीरभद्र आदि प्रचार को यहां आए पर वे क्षेत्र विशेष तक ही सीमित रह गए.

नतीजतन कांग्रेस भाजपा के धुंआधार प्रचार का मुंहतोड़ जवाब नही पाई. मोदी की कोई काट नहीं खोज पाई कांग्रेस. और मोदी ने प्रचार का मुंह मोड़ते हुए उसे विकास और भ्रष्टाचार तक सीमित कर दिया.

पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी प्रदेश की पहाड़ जैसी समस्याएं नक्कारखाने में तूती की आवाज की तरह दब गई.

मौका नहीं भुना पाई कांग्रेस

इस बार के चुनाव में सरकार की बर्खास्तगी और राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने को लेकर मिली सहानुभूति को भी कांग्रेस कायदे से नही भुना पाई. ऊपर से बागी विधायकों की रस्साकशी.

हालांकि, बागियों से सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, भाजपा भी परेशान रही है. सतपाल महाराज को चौबट्टाखाल से टिकट दिए जाने पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत नाराज हो गए.

उन्हें राष्ट्रीय महामंत्री बना दिया गया. तीन बार की विधायक विजय बड़थ्वाल का टिकट काट कर बी सी खंडूरी की बेटी ऋतू को टिकट मिला.

इस तरह कांग्रेस ही नही भाजपा को भी भितरघात झेलना पड़ रहा है. और तो और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी बागियों से हलकान हैं.

प्रदेश के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री हरीश रावत को किच्छा और हरिद्वार दो जगह से चुनाव लड़ना पड़ा है.

इस चुनाव में करीब दो सौ करोड़पति प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. जिनमे सबसे अधिक पैसा भाजपा के सतपाल महाराज के पास बताया जाता है.

69 विधानसभा सीटों के लिए मतदान

उत्तराखंड की 69 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे मतदान के लिए चुनाव प्रचार का शोरगुल थम गया है. अब मतदाताओं की बारी है.

वे बुधवार को सुबह 8 बजे से अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों का चुनाव करेंगे. बसपा प्रत्याशी की हादसे में मौत हो जाने के कारण अब कर्णप्रयाग विधानसभा के लिए मतदान 9 मार्च को होगा.

इसके लिए केवल बसपा प्रत्यासी का ही नामांकन स्वीकार होगा. चुनाव के नतीजे 11 मार्च को घोषित किए जाएंगे.

प्रचार का शोर थमने के बाद अब प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने डोर टू डोर जाकर अपने प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे और उन्हें भारी बहुमत से जिताने की अपील की.