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नोटबंदी: अब तो सहयोगियों का सब्र भी जवाब दे रहा है

बैंकों में कैश की किल्लत और एटीएम के बाहर लंबी कतारों का सिलसिला नहीं टूट रहा है

Amitesh

नोटबंदी के 50 दिन होने में महज नौ दिन का वक्त बचा है. लेकिन, हालात में कोई सुधार नहीं दिख रहा है. पल-पल बदलते नियम से लोग परेशान हैं.

बैंकों में कैश की किल्लत और एटीएम के बाहर लंबी कतारों का सिलसिला नहीं टूट रहा है. अब यह बात सरकार के साथ खड़े लोगों को भी हजम नहीं हो पा रही है.


शिवसेना और अकाली दल जैसे सहयोगी पहले से ही नोटबंदी के फैसले से खुश नहीं थे. लेकिन अब टीडीपी की तरफ से भी सार्वजनिक तौर पर नाराजगी दिखाई जा रही है.

टीडीपी प्रमुख और आंंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बयान दे डाला कि जैसा हमने सोचा था वैसा नहीं हुआ, ‘नोटबंदी के 40 दिन बीत जाने के बाद भी लोगों को हो रही समस्याओं का समाधान अभी तक नहीं दिख रहा है.’

टीडीपी के सभी सांसद, विधायक और दूसरे नेताओं को संबोधित करते हुए नायडू का बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

चंद्रबाबू नायडू नोटबंदी के मुद्दे पर गौर करने के लिए बनी 13 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष भी हैं और अब तक सरकार के साथ हर मोर्चे पर खड़े रहे हैं.

चंद्रबाबू नायडू के अपने सूबे में फिलहाल कोई चुनाव भी नहीं होना है. ऐसे में नायडू की नाराजगी जमीनी हकीकत और लोगों की परेशानी को बयां करती है.

सरकार की सहयोगी शिवसेना और अकाली दल भी नाराज हैं. अकालियों ने पहले भी खुलकर इसका विरोध भी किया था. उनकी नाराजगी तो समझ में भी आती है. नोटबंदी से जनता की परेशानी कम नहीं हो रही है.

अब पंजाब में कठिन हालात का सामना कर रहे अकालियों को लग रहा है कि नोटबंदी पर जनता की परेशानी उनके चुनावी समीकरण को पटरी से उतार सकती है.

चंडीगढ़ नगर निकाय चुनाव में जीत को बीजेपी ने नोटबंदी पर जनता की मुहर बता कर अपना पक्ष मजबूत करने की कोशिश की है.

अकाली दल के लोगों को अभी भी गांवों में नोटबंदी को लेकर होने वाली परेशानी का डर सता रहा है. अब मौजूदा हालात से अकाली भी नाराज बताए जा रहे हैं.

सरकार की दूसरी सहयोगी शिवसेना तो पहले से ही आंखें तरेर रही है. नोटबंदी के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने तो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोल दिया था.

उद्धव ने कहा था कि एक आदमी देश के 125 करोड़ लोगों के बारे में फैसला कैसे ले सकता है. इससे भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए उद्धव ने तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तारीफ कर दी थी.

उद्धव ने कहा था कि मनमोहन सिंह एक अच्छे अर्थशास्त्री हैं, उनकी बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है.

इस बयान से शिवसेना की नाराजगी खुलकर सामने आ गई थी. लेकिन, अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के मुताबिक 50 दिनों का वक्त खत्म होने वाला है. हालात में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है, लिहाजा पहले से नाराज दलों की नाराजगी सामने आ रही है.

दूसरी तरफ, सहयोगियों की नाराजगी से सरकार परेशान है. लेकिन, धीरे-धीरे सरकार और बीजेपी नेताओं की तरफ से अब सफाई दी जा रही है.

अब तो यह कहा जाने लगा है कि 50 दिनों बाद हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लगेंगे. लेकिन, लंबा इंतजार लोगों का भरोसा तोड़ सकता है.