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जानिए: किसके फोन से बदली बिहार की सियासत और हुआ नीतीश का इस्तीफा

लालू अपने ऊपर हुई छापेमारी से बचने के लिए कई केंद्रीय मंत्रियों से पहले ही मिल चुके थे

FP Staff

नीतीश कुमार के महागठबंधन तोड़ने से कई सप्ताह पहले खबरें आने लगी थीं कि उनके और लालू प्रसाद यादव के बीच सब खत्म हो गया है और बिहार सीएम अलग होने के लिए सही मौके का इंतजार कर रहे हैं. अब चूंकि महागठबंधन एक इतिहास बन चुका है तो नीतीश के कुछ करीबी दोस्तों ने अंदर की कुछ बातें बताई हैं.

नीतीश कुमार के एक करीबी के मुताबिक जुन में जब लालू के परिवार से जुड़ी संपत्तियों पर सीबीआई के छापे पड़े तो नीतीश ने कहा था, "लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले पर चल रहा मामला तो सबको पता था लेकिन संपत्ति और रियल एस्टेट को लेकर कुछ भी सामने नहीं आया था. यह अब रुकने वाला नहीं है. वह खुद तो डूबेंगे ही मुझे भी डुबाएंगे."


इसके बाद नीतीश कुमार और उनके करीबियों ने आरजेडी को कई हिंट्स दिए कि आरोप गंभीर हैं और उचित एक्शन लेने जरूरी हैं, लेकिन आरजेडी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया. सीबीआई ने मामले से जुड़ी जानकारी ईडी को दे दी. यह गठबंधन के साथ-साथ बिहार की राजनीति के लिए भी टर्निंग पॉइंट था. नीतीश के करीबी के मुताबिक ईडी का इनवॉल्वमेंट लालू यादव के परिवार के लिए नुकसानदेह हो सकता है. नीतीश के करीबी ने बताया, "नीतीश ने अपने एक वकील दोस्त को फोन किया जो कि भारत के वित्त मंत्री भी हैं."

इस जेडीयू लीडर ने बताया,“नीतीश प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2016 के कुछ पहलुओं को समझना चाहते थे. उन्होंने पढ़ने के लिए हमसे इस एक्ट की कॉपी भी ली... उन्हें अहसास हुआ कि यह लालू प्रसाद यादव के परिवार के खिलाफ एक ओपन एंड शट केस होना चाहिए. और चूंकि तेजस्वी और तेज प्रताप यादव उनकी कैबिनेट का हिस्सा थे यह चिंता का बड़ा कारण था.”

इसके बाद ही नीतीश कुमार पब्लिकली सामने आए और उन्होंने सभी आरोपों पर आरजेडी से पॉइंट टू पॉइंट सफाई मांगी. उनके सुझाव और छिपी हुई धमकी को आरजेडी ने एक बार फिर इग्नोर किया. नीतीश के इस करीबी ने कहा, 'एक मीटिंग में जिसमें सिर्फ हम कुछ लोग ही थे, नीतीश कुमार ने तेजस्वी के बारे में कहा था, 'रिजाइन कर देगा तो बड़ा नेता बन जाएगा.'

इसके बाद खबर आई कि मामले की सेटिंग कराने के लिए लालू यादव ने अपने भरोसेमंद प्रेम गुप्ता के साथ मोदी कैबिनेट के सीनियर मंत्रियों से मुलाकात की थी. इस खबर ने ताबूत की आखिरी कील का काम किया. नीतीश के करीबी ने कहा, 'जब नीतीश कुमार को इस बारे में पता चला तो उन्हें महसूस हुआ जैसे उनके साथ धोखा हुआ है. वह फेयर तरीके से अपने सहयोगियों को बचाने की कोशिश कर रहे थे, वहीं आरजेडी चीफ डील ब्रेक करने की कोशिश कर रहे थे. अब पानी सिर से ऊपर चला गया था.'

हालांकि, न्यूज़ 18 से बातचीत में लालू यादव ने इन आरोपों का खंडन किया है, उन्होंने कहा कि वह मदद के लिए किसी भी केंद्रीय मंत्री से नहीं मिले. इसके बाद क्या हुआ वह पिछले सप्ताह पटना में सभी ने देख लिया.

(साभार: न्यूज़18)