view all

योग दिवस पब्लिसिटी स्टंट, योग प्रतिदिन करने की चीज: नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने कहा, योग को राजनीतिक चर्चा का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए

Bhasha

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि योग सिर्फ योग दिवस के दिन नहीं बल्कि यह प्रतिदिन करने की चीज है और इसे राजनीतिक चर्चा का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए. ऐसा किए जाने पर यही माना जाएगा कि योग में कोई दिलचस्पी नहीं, योग से भी कुछ वोट का भोग देख रहे हैं.

पटना में आयोजित लोक संवाद के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान आगामी 21 जून को योग दिवस के बिहार में मनाए जाने के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा, 'योग सिर्फ दिवस के दिन नहीं प्रतिदिन करने की चीज है. मैं प्रतिदिन योग करता हूं. मैं योग के फायदे की भी चर्चा करता हूं लेकिन मैं प्रचार से दूर रहने वाला हूं.'


उन्होंने कहा, 'लोग योग को व्यक्तिगत रूप से अपनाए. मैं योग और प्राकृतिक चिकित्सा का पक्षधर हूं. बिहार में विपश्यना को बढ़ावा दिया जा रहा है. पटना के बुद्ध स्मृति पार्क में विपश्यना का केंद्र विकसित किया जा रहा है.'

'योग ठीक से सीखें, फिर करें'

उन्होंने कहा कि योग सीखिए और उसे सही रूप से कीजिए. योग सीखने के लिए कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं है, बिहार के मुंगेर में ही योग का सबसे बड़ा केंद्र है. नीतीश ने कहा कि प्रचार वाला योग अलग है और वास्तविक योग अलग है. उन्होंने कहा कि हम मुंगेर वाले योग के हिमायती है.

नीतीश ने कहा, 'योग का प्रचार करना बुरी बात नहीं अच्छा है, प्रचार करें. मैं दिखावे के खिलाफ हूं.'

उन्होंने योग को लेकर भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि इन सब चीजों को राजनीतिक चर्चा का मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए. योग करने वाले लोग सभी समुदाय के हैं और विभिन्न देशों में हैं.

नीतीश ने कहा कि योग में विश्वास रखने वाले भिन्न लोग हैं. वे इनकी तरह नहीं है. कभी-कभी योग दिवस मनाया तो कुर्सी पर बैठे देखे गए. एक को देखा कि त्रिकोण आसन को सप्तकोण में बदले हुए. उसको सीखिए, जानिए और कीजिए. जाने कुछ नहीं और खाली बयान देना है और खबरों में स्थान पाना है.

उन्होंने कहा कि योग को दुनिया भर में अपनाया जाए इससे अच्छी बात क्या होगी.

तीन तलाक पर कोर्ट देगा फैसला

तीन तलाक के संबंध में पूछे गये प्रश्न का जवाब दते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मामला उच्चतम न्यायालय में है. फैसले का इंतजार कीजिए.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बिहार को गोद लेने के बयान पर नीतीश ने कहा कि बिहार अनाथ नहीं है जो कोई इसे गोद लेगा. बिहार जीवंत है.

मनरेगा के मजदूरी से संबंधित पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुये नीतीश ने कहा कि मनरेगा केंद्र सरकार की योजना है. मनरेगा की मजदूरी पर केंद्र सरकार फैसला लेती है. जहां तक बिहार में मजदूरी का सवाल है बिहार में नियम के मुताबिक समय समय पर मजदूरी का दर तय होता है. बिहार सरकार का शुरू से यही रुख रहा है कि राज्य में जो न्यूनतम मजदूरी दर है, वही मजदूरी दर मनरेगा की भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार में शुरू से हम इस बात को लेकर सवाल उठाते रहे हैं.

पटना मेट्रो पर केंद्र से फैसले का इंतजार

पटना मेट्रो के संबंध में पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि इस संबंध में शुरू से नीति निर्धारित है. बिहार सरकार ने पटना मेट्रो का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज दिया है. पटना मेट्रो के लिए पूरा सर्वे कराया गया था. सर्वे रिपोर्ट के साथसाथ पूरी डीपीआर भेज दी गई है. इसे भेजे हुए एक साल से ज्यादा हो गया है. अब केंद्र सरकार को तय करना है, अभी तक अंतिम रूप से सहमति नहीं आई है.

बांका विद्युत परियोजना के संबंध में पूछे गए प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना में केद्र सरकार की गंभीरता नहीं दिखती.