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एमसीडी चुनाव: केजरीवाल और नीतीश कुमार होंगे आमने-सामने

बीते दिनों एक समारोह में नीतीश कुमार ने अपने दम पर एमसीडी चुनाव लड़ने का इशारा दिया था

FP Staff

कभी एक-दूसरे के लिए खुलकर समर्थन में आने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल अब आपस में मुद्दों पर भिड़ते नजर आएंगे. दिल्ली के नेब सराय में हाल ही में आयोजित एक समारोह के दौरान नीतीश कुमार ने इसकी झलक दे दी थी. इस समारोह में वह दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों के बहाने आम आदमी पार्टी पर हमलावर दिखे थे. तो वहीं, दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग उठाते हुए बीजेपी को भी कठघरे में खड़ा कर दिया था.

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) एसमीडी चुनाव में आमनेमजबूती के साथ लड़ने का दावा कर रही है. दिल्ली में रह रहे पूर्वांचलवासियों की तादाद को देखते हुए जेडीयू ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा को यहां की जिम्मेदारी सौंपी है. बीजेपी ने भी सांसद और भोजपुरी फिल्म स्टार मनोज तिवारी को अपना प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.


दोनों नेताओं के चयन के बाद इस बात के स्पष्ट संकेत मिल चुके हैं कि एमसीडी चुनाव के केंद्र बिंदु में इस बार यहां रहने वाले पूर्वांचल के लोग होंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) को इनका व्यापक समर्थन मिला था, जिसकी वजह से केजरीवाल 70 में से 67 सीटें जीतकर मुख्यमंत्री बनने में सफल रहे थे.

टिकट नहीं मिलने से नाराज नेता छोड़ रहे हैं 'आप' का साथ

बीते रविवार को टिकट नहीं मिलने से नाराज आप की पूर्वांचल शक्ति प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव विनोद झा और जिला सचिव प्रवीण कुमार सहित कई अन्य नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ जदयू का दामन थाम लिया. अपनी नई पारी की शुरुआत करते हुए इन्होंने आप पर टिकट बंटवारे में पूर्वांचल के लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि आम आदमी पार्टी की पहली सूचि में सिर्फ 15 सीटों पर पूर्वांचल के लोगों को चुनाव लड़ने का मौका मिला है. ये सभी नेता दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के क्षेत्र से आते हैं.

अनाधिकृत कॉलोनियों को मुद्दा बनाएगी जदयू

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने नेटवर्क 18 से बात करते हुए कहा 'दिल्ली को कनॉट प्लेस से इतर देखने की आवश्यकता है. जब हम दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में जाते हैं तो वहां के हालात अत्यंत दयनीय दिखते हैं. इनसे कहीं अच्छे हालात में बिहार और यूपी के सुदूर गांवों में रहने वाले लोग रहते हैं'.

जदयू महासचिव ने कहा कि एमसीडी चुनाव में उनकी पार्टी सभी 272 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिसमें सर्वाधिक हिस्सेदारी पूर्वांचल के लोगों की होगी. उन्होंने कहा कि हम अनाधिकृत कॉलोनी और बिजली-पानी की समुचित व्यवस्था को मुद्दा बनाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि लोग बिहार को बीमारू बताते थे लेकिन सुधार की सबसे अधिक जरूरत दिल्ली को है. ज्ञात हो कि दिल्ली की तकरीबन एक तिहाई आबादी बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की है.

प्रकाश पर्व के आयोजन के बाद सिखों में बढ़ी है नीतीश कुमार की पैठ

पटना में आयोजित प्रकाश पर्व के दौरान सरकारी तौर पर नीतीश कुमार का पूरा मंत्रिमंडल इसे ऐतिहासिक बनाने में जुटा रहा. कुछ दिनों पहले जब सिख युवाओं से बात हुई, सभी ने नीतीश के इस कदम की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि इतना भव्य आयोजन पंजाब में नहीं हो सकता था. इस आयोजन के बाद दिल्ली में रह रहे सिख समुदाय के लोगों के बीच नीतीश कुमार पैठ बनाने में सफल दिख रहे हैं. जानकारों के मुताबिक आगामी एमसीडी चुनाव में इसका असर दिख सकता है.

नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी के विस्तार पर जोर दे रहे हैं. एमसीडी चुनाव लड़ने को इसके आगाज के तौर पर देखा जा रहा है.

(न्यूज़ 18 हिंदी से साभार)