केंद्रीय पोत, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को झारखंड की राजधानी रांची में एक खुलासा किया. उन्होंने कहा कि जब वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, उस वक्त झारखंड में जो गठबंधन की सरकार बनाई, उसे चलाने के लिए पैसों का बहुत बोलबाला रहा. अर्जुन मुंडा के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार को चलाने में उन्हें बहुत पापड़ बेलने पड़े.
गडकरी के मुताबिक 'जब मैं बीजेपी का अध्यक्ष था, झारखंड में सरकार बनाई थी. कैसे चलता था, इसका अंदाजा है मुझे. नेता बार बार दिल्ली आते थे. बार-बार झगड़े होते थे. सब में कंपिटिशन एक ही बात के लिए थी कि लक्ष्मी ज्यादा दर्शन कौन करेगा.'
'मैं समझाता था कि अरे ऐसा मत करो. पर मिली जुली सरकार थी. सरकार टिकानी थी. इसलिए ज्यादा बोल नहीं पाता था'. 11 सितंबर को रांची वे एक समारोह में शामिल होने पहुंचे थे. यह समारोह रघुवर सरकार के 1000 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था.
रघुवर सरकार बनाम अर्जुन मुंडा सरकार
उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि नितिन गडकरी के कहने का मतलब यह था कि इस समय जो बीजेपी के नेतृत्व में सरकार चल रही है, उसमें किसी मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं हैं.
बीच के समय में क्या था क्या नहीं, यह सबके नजर में है. उस दौरान झारखंड बदनाम हुआ. यह किसे पता नहीं है.
नितिन गडकरी एक जनवरी 2010 से 22 जनवरी 2013 तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे थे. उन्होंने राजनाथ सिंह का स्थान लिया था. गडकरी के बाद अमित शाह राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए.
इस बीच झारखंड में गडकरी के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं. रघुवर समर्थक इसे सीधा अर्जुन मुंडा की सरकार पर हमला बता रहे हैं. इस बात का इशारा राज्य के मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा का बयान भी करता है.
इधर रघुवर दास आए दिन इस बात बखान करते नहीं थकते कि उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार के एक भी दाग नहीं हैं. इससे पहले की सभी सरकार भ्रष्ट थी. इस बहाने वह विपक्षी पार्टी के साथ पार्टी के अंदर के विरोधी पर भी निशाना साधते रहते हैं.