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निठारी हत्याकांड: जानिए कब क्या हुआ

निठारी हत्याकांड को दोषियों पंढेर और कोली को मौत की सजा.

FP Staff

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने निठारी कांड के दोनों दोषियों सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को फांसी की सजा सुनाई है. ये सजा उन्हें 21 साल की दीपिका उर्फ पायल के हत्या के आरोप में सुनाई गई है. इनमें से एक दोषी कोली पर पहले भी चार मामलों में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है.

नोएडा का निठारी कांड देश के सबसे ज्यादा जघन्यतम हत्याकांडों में से एक है. 2005-2006 में सामने आए इस हत्याकांड के खुलासे ने सबको हैरान कर दिया था. जानिए क्या था निठारी कांड और कब क्या हुआ-


- 2005 में नोएडा के सेक्टर-31 के पास निठारी गांव के एक खास घर के पास पानी की टंकी के पास से बच्चों के गायब होने की घटनाएं हो रही थीं. लोगों ने पुलिस में शिकायत की लेकिन कुछ पता नहीं चला.

- 7 मई, 2006 को निठारी में ही 20 साल की लड़की पायल भी गायब हो गई. गायब बच्चों के मामले को देख रही टीम को ही ये मामला सौंपा गया. पायल के पिता ने पुलिस पर जांच का दबाव बनाया. पिता ने बार-बार कहा कि पायल के गायब होने में पंढेरी का हाथ है. पुलिस ने पंढेरी को बुलाकर पुलिसिया अंदाज में पूछताछ किया. पंढेरी ने कबूल किया कि वो पायल को जानता था. जांच में खुलासा हुआ कि पायल का पिता उससे देह व्यापार करवाता था. लेकिन पंढेरी ने कहा कि उसका पायल के गायब होने से कोई लेना-देना नहीं है.

-  निठारी गांव के निवासियों ने दावा किया कि गायब बच्चों का टंकी के पास एक बिजनेसमैन मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी नं. डी-5 का कुछ लेना-देना है. उनका कहना था कि वो जानते हैं कि बच्चों के गायब होने के पीछे बंगले के नौकर सुरिंदर कोली का हाथ है.

- 2006, दिसंबर में जांच में पायल के मोबाइल के जरिए पुलिस कोली तक पहुंची. कोली को उसके गांव अल्मोड़ा से पकड़ा गया. उसने कबूल किया कि उसने पायल का कत्ल करके घर के पीछे नाले में फेंक दिया था.

- पुलिस जांच में नाले से कई लाशें निकलने लगीं. 29 दिसंबर को पुलिस ने पंढेरी और कोहली को गिरफ्तार कर लिया.

- 1 जनवरी, 2007 को हत्याओं को लेकर गांव वालों का पुलिस के साथ संघर्ष हुआ. चंडीगढ़ में पंढेर के परिजनों से पूछताछ.

- 5 जनवरी को अभियुक्तों का नार्को टेस्ट.

- 10 जनवरी को सीबीआई ने मामले की जांच का जिम्मा संभाला.

- 11 जनवरी को सीबीआई का पहली टीम निठारी पहुंची. 30 और हड्डियां बरामद.

- पंढेर और कोली से सीबीआई ने की पूछताछ.

- 8 फरवरी को सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने पंढेर और सुरिंदर कोली को 14 दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेजा.

- 28 फरवरी और 01 मार्च को सुरेंद्र कोली ने दिल्ली में एसीएमएम में अपने बयान दर्ज कराए. बयानों की वीडियोग्राफी हुई.

- 22 मई को सीबीआई ने गाजियाबाद की अदालत में मामले में पहला आरोप पत्र दाखिल किया. मोनिंदर सिंह पंढेर पर हल्के आरोप लगाए गए. सुरिंदर कोली पर बलात्कार, अपहरण और हत्या के आरोप लगे.

- 01 मई, 2008 में निठारी हत्याकांड के तीन पीड़ितों के पिता मुख्य अभियुक्त पंढेर को हत्या और अपहरण के आरोपों से मुक्त करने को लेकर सीबीआई के खिलाफ अदालत पहुंचे.

- 11 मई को गाजियाबाद की अदालत ने सीबीआई को हत्याओं में पंढेर की भूमिका की जांच करने का आदेश दिया.

- 1 नवंबर को हाईकोर्ट ने एक पीड़ित के रिश्तेदार के आरोपों पर सीबीआई को नोटिस भेजा. सीबीआई पर पंढेर को बचाने के आरोप लगे.

- 13 दिसंबर को गाजियाबाद की विशेष सीबीआई ने मोनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ दो बच्चियों से बलात्कार और हत्या के मामले में आरोप तय किए.

12 फरवरी, 2009 में सीबीआई स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज ने पंढेर और कोली को बलात्कार व हत्या का दोषी ठहराया.

- 13 फरवरी को 19 हत्याओं में से एक 14 साल की रिम्पा हालदार के साथ रेप और हत्या के लिए विशेष अदालत ने पंढेर और कोली को मौत की सजा सुनाई.

- 11 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंढेर को सुनाई गई मौत की सजा खत्म करके उसे बरी कर दिया.

- 7 जनवरी को हालदार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोली की मौत की सजा बरकरार रखी.

- 4 मई को कोली को आरती प्रसारद की हत्या का दोषी पाया गया. उसे 12 मई को दूसरी बार मौत की सजा सुनाई गई.

- 28 सितंबर को कोली को मजदूर पप्पू लाल की आठ साल की बच्ची रचना लाल की हत्या के जुर्म में तीसरी बार मौत की सजा सुनाई गई.

- 22 दिसंबर को कोली को चौथी बार मौत की सजा सुनाई गई.

- 22 जुलाई को पंढेर और कोली को पिंकी सरकार की हत्या का दोषी पाया गया.

- 24 जुलाई को गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है.