चुनाव आयोग को जुलाई तक 30 हजार नई वीवीपीएटी मशीनें मिल जाएंगी. ताकि इसका वर्तमान स्टॉक इस स्तर तक पहुंच जाए कि यह इस वर्ष के अंत में होने वाले गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सभी मतदान केंद्रों में इन मशीनों को लगाने की स्थिति में आ जाए.
आयोग के एक अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास 53500 वीवीपीएटी मशीनें हैं. हमें 30 हजार मशीनें मिलेंगी. गुजरात और हिमाचल प्रदेश के सभी मतदान केंद्रों में इस्तेमाल के लिए करीब 84 हजार इकाइयां समुचित हैं.’
चुनाव आयोग दोनों राज्यों में चुनाव की घोषणा के समय इस बात की भी औपचारिक रूप से घोषणा करेगा कि वीवीपीएटी मशीनें दोनों राज्यों के सभी मतदान केंद्रों में इस्तेमाल की जाएंगी.
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 22 जनवरी को खत्म हो रहा है जबकि 68 सदस्यीय हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल सात जनवरी 2018 में पूरा होगा.
16 लाख 15 हजार नई वोटिंग मशीनें चाहिए
परंपराओं को देखते हुए चुनाव इस साल दिसंबर में हो सकते हैं. वोटर वेरीफाइएबल पेपर आडिट ट्रेल ऐसी इकाई होती है जो इलेक्ट्रॉनिक मशीन से जुड़ी होती हैं. इन इकाइयों के जरिये मतदाता यह पुष्टि कर लेता है कि उसने जिस विशेष उम्मीदवार को मत दिया है वह ईवीएम में दर्ज हुआ है कि नहीं.
इलेक्ट्रॉनिक्स कॉपरेशन ऑफ इंडिया लि. और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड आयोग के लिए ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनें बनाता है.
चुनाव आयोग को 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी मतदान केंद्रों पर वीवीपीएटी मशीनें को लगाने के लिए ऐसी 16 लाख 15 हजार और इकाइयों की आवश्यकता पड़ेगी.