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राजस्थान: अध्यादेश का विरोध करने पर सचिन पायलट हिरासत में

सरकार ने यह अध्यादेश कोई एक महीने पहले जारी किया था. मगर अब ये जमीन पर उतरा है

FP Staff

कांग्रेस के नेताओं ने काली पट्टी बांधकर प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की अगुवाई में राजस्थान सरकार द्वारा लाए अध्यादेश के खिलाफ जयपुर में राजभवन तक शांतिपूर्ण मार्च निकाला.

इस दौरान कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि राज्य की बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार ने अपने कार्यकाल में हुए करप्शन पर पर्दा डालने के लिए ही इस तरह का तुगलकी अध्यादेश पेश किया है.


सरकार ने पेश किया बिल

राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने सोमवार को विधानसभा में उस विवादित बिल को पेश कर दिया है जिसके तहत जजों, मजिस्ट्रेटों और अन्य सरकारी अधिकारियों, सेवकों के खिलाफ अब शिकायत करना आसान नहीं होगा और सरकार की मंजूरी के बिना इनके खिलाफ न तो कोई जांच होगी न ही मीडिया में उनके खिलाफ कुछ छापा जा सकता है.

सरकार ने यह अध्यादेश कोई एक महीने पहले जारी किया था. मगर अब ये जमीन पर उतरा है. इसे विधानसभा में पेश कर कानून की शक्ल दी गई है.

बिल पेश होते ही विपक्षी दल कांग्रेस ने इसका जोर-शोर से विरोध किया फिर सदन में हंगामा किया और विधान सभा से वॉक आउट कर लिया. इसके बाद हंगामा बढ़ता देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी.

क्या है अध्यादेश में ?

अध्यादेश के अनुसार अगर कोई नागरिक जजों, लोक सेवकों और अफसरों के खिलाफ शिकायत लेकर पहुंचेगा तो मजिस्ट्रेट बिना सरकार की इजाजत के कार्यवाही नहीं कर सकेंगे. इसमें सरकार अधिकतम 180 दिन में अनुमति दे सकेगी.