दूरसंचार नियामक ट्राई नेट न्यूट्रीलिटी के विवादास्पद मुद्दे पर अपनी सिफारिशें महीने भरे में दे सकता है.
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई के चेयरमैन आर एस शर्मा ने इस मुद्दे पर खुली चर्चा के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘इस मुद्दे पर बहस में सभी भागीदार सक्रियता से भाग ले रहे हैं. मुझे लगता है कि ट्राई सरकार को उचित राय दे पाएगा जिसके लिए उसे कहा गया है.’
सिफारिशों के लिए सयम सीमा के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा, ‘इसमें एक महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए.’ उल्लेखनीय है कि नेट न्यूट्रीलिटी को लेकर दूरसंचार कंपनियां और इंटरनेट कंटेंट प्रोवाइडर्स में खींचतान है. दूरसंचार कंपनियां कंटेंट प्रोवाइडर्स के साथ लागत भागीदारी की मांग कर रही हैं तो इंटरनेट कंपनियों का जोर सस्ती इंटरनेट सेवाओं पर है.
सरकार का कहना है कि नेट न्यूट्रीलिटी की रूपरेखा के बारे में उसका कोई भी फैसला ट्राई की सिफारिशों के बाद ही होगा.
भारत में नेट न्यूट्रीलिटी के मुद्दे पर बहस दिसंबर 2014 में शुरू हुई, जब टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने इंटरनेट बेस्ड कॉल्स में लगने वाले डेटा के लिए अलग से प्लान की घोषणा की. तब से ही इस मुद्दे पर खासी बहस चल रही है.