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बीसीसीआई का फर्जीवाड़ा, बिना टेस्ट दिए ही नियुक्त कर दिया गया नेशनल क्रिकेट एकेडमी में ट्रेनर!

बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ने सीओए को सौंपी रिपोर्ट, जनरल मैनेजर की एमवी श्रीधर की भूमिका सवालों के घेरे में

FP Staff

दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड में नियमों को ताक पर रख कर किस तरह से काम होता है इसकी ताजा मिसाल सामने आई है. खबर है कि युवा क्रिकेटरों को क्रिकेट के गुर सिखाने वाली बोर्ड की नेशनल क्रिकेट एकेडमी में एक ट्रेनर की नियुक्ति बिना टेस्ट पास किए ही कर दी गई है. समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रैस की खबर के मुताबिक बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ने सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी सीओए को चिट्ठी लिखकर इत्तला दी है कि सोहम देसाई नाम के इस ट्रेनर को बेंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी में फर्जीवाड़ा करके नियुक्ति दी गई है.

इस चिट्ठी में राहुल जौहरी ने सीओए को सूचित किया है कि सोहम देसाई ने पिछले साल ना तो स्पोर्ट्स साइंस पर आयोजित बीसीसीआई की वर्कशॉप में हिस्सा लिया था और ना ही ट्रेनर बनने की परीक्षा में वह शामिल हुआ था. सोहम देसाई की नियुक्ति को सीओए ने उन जानकारियों के आधार पर मंजूरी दी थी जो बोर्ड के क्रिकेट ऑपरेशन के जनरल मैनेजर एमवी श्रीधर ने दी थीं.


इस जानकारी के हिसाब से सोहम देसाई ने परीक्षा में दूसरा स्थान हासिल किया था जबकि राहुल जौहरी की चिट्ठी कहती है वह इस परीक्षा में शामिल ही नहीं हुआ था. लिहाजा अब एमवी श्रीधर की भूमिका सवालों के घेर में आ गई है.

यह टेस्ट बीसीसीआई के फिटनेस एंड स्ट्रैंथ कोच शंकर वासु ने लिया था. पीटीआई की एक खबर के मुताबिक शंकर बासु के खिलाफ  बोर्ड के सदस्यों ने हितों के टकराव का मामला उठाते हुए सोहन देसाई के चयन पर सवाल उठाए थे. सोहन देसाई, बासु के निजी फिटनेस सेंटर से साथ भी जुड़ा हुआ है. इसके बाद ही सीओए की ओर से राहुल जौहरी को इस मामले की पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया था.