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नेशनल हेराल्ड: परिसर खाली करने के आदेश पर AJL की अपील का केंद्र ने किया विरोध

केंद्र ने कहा कि कंपनी ने अपने ज्यादातर शेयर ‘गुप्त रूप से’ यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिए जिसमें कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी शेयर धारक हैं

Bhasha

केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में एकल पीठ के उस आदेश के खिलाफ अपील का सोमवार को विरोध किया जिसमें नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एजेएल को उसका परिसर खाली करने के लिए कहा गया था. केंद्र ने कहा कि कंपनी ने अपने ज्यादातर शेयर ‘गुप्त रूप से’ यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दिए जिसमें कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी शेयर धारक हैं.

चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और जस्टिस वी के राव की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह जमीन प्रिंटिंग प्रेस के लिए किराए पर एजेएल को आवंटित की गई थी. और जिस प्रमुख उद्देश्य के लिए इसे आवंटित किया गया था उसे कई साल पहले ही रोक दिया गया. अदालत एकल पीठ के 21 दिसंबर 2018 को दिए फैसले के खिलाफ एजेएल की अपील पर सुनवाई कर रही थी.


एकल पीठ के फैसले पर दिल्ली हाई कोर्ट में हो रही है सुनवाई

एकल पीठ ने परिसर को खाली करने के केंद्र के आदेश को चुनौती देने वाली एजेएल की याचिका खारिज कर दी थी. आदेश में प्रकाशक को दो सप्ताह के भीतर आईटीओ परिसर खाली करने के लिए कहा गया था. जिसके बाद सार्वजनिक परिसर कानून, 1971 के तहत निष्कासन की कार्यवाही शुरू की जाएगी. एजेएल ने एकल पीठ के आदेश पर रोक लगाने की भी मांग की. अदालत मामले में अगली सुनवाई एक फरवरी को करेगी.

केंद्र की ओर से पेश हुए मेहता ने कहा, ‘नेशनल हेराल्ड अखबार ने 2008 में प्रकाशन रोक दिया था और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की पेशकश की गई थी. साल 2010-11 में हजारों करोड़ की यह संपत्ति गुप्त रूप से यंग इंडिया को ट्रांसफर कर दी गई. जब टीम यह देखने के लिए गई कि क्या यह उद्देश्य पूरा किया जा रहा है तो उसे कुछ भी नहीं मिला.’

प्रेस की अवधारणा का मतलब सिर्फ हार्ड स्ट्रक्चर प्रेस नहीं

एजेएल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि पहला निरीक्षण नोटिस छह सितंबर 2016 को दिया गया और परिसर में प्रेस गतिविधि ना होने के आरोप पहली बार आठ जून 2018 को लगाए गए. उन्होंने बताया कि प्रेस की अवधारणा का मतलब सिर्फ हार्ड स्ट्रक्चर प्रेस नहीं है और अखबार का डिजिटल संस्करण 14 नवंबर 2016 को शुरू किया गया.