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केजरीवाल समेत राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्यों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा

पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि परिषद का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या पार्टी के संविधान में संशोधन किया जाएगा

Bhasha

आप की राष्ट्रीय परिषद ने अगले साल लोकसभा चुनाव और इसके बाद दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित परिषद के सभी सदस्यों का कार्यकाल एक साल के लिए बढ़ा दिया है.

शनिवार को हुई परिषद की बैठक में यह फैसला किया गया. दिन भर चली बैठक के बाद पार्टी के प्रवक्ता पंकज गुप्ता ने बताया ‘सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि अगले साल लोकसभा चुनाव है और इसके कुछ महीने बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव है, इसके मद्देनजर हम सबने फैसला किया है कि इस परिषद की कार्यअवधि को एक साल और बढ़ाया जाए.’


गुप्ता ने बताया कि अगले साल 23 अप्रैल को मौजूदा परिषद का कार्यकाल खत्म होगा. इसके मद्देनजर परिषद ने यह तय किया है कि या तो एक साल या इसके पहले, जब भी चुनाव हो सके, तब ही राष्ट्रीय परिषद का पुनर्गठन किया जाए.

गुप्ता ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं कि परिषद का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा या पार्टी के संविधान में संशोधन किया जाएगा. राष्ट्रीय परिषद ने सातवीं बैठक में इस विषय पर चर्चा करने के उपरांत यह फैसला किया है.

उल्लेखनीय है कि आप के संविधान के मुताबिक पार्टी संयोजक सहित राष्ट्रीय परिषद के अन्य पदों पर कोई व्यक्ति लगातार दो बार ही रह सकता है. इसके मद्देनजर केजरीवाल को संयोजक बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय परिषद का कार्यकाल बढ़ाने या संविधान संशोधन का ही विकल्प था.

बैठक में परिषद के अन्य फैसलों की जानकारी देते हुये आप की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने बताया कि परिषद ने एकमत से यह राय व्यक्त की है कि मोदी सरकार के तानाशाही पूर्ण रवैये से देश को मुक्त कराना जरूरी है. परिषद ने मोदी सरकार को देश की सत्ता से हटाने के लिये अन्य दलों को जो भी सहयोग की जरूरत होगी उसे करने का प्रस्ताव पारित किया है.

हालांकि राय ने विपक्षी दलों द्वारा प्रस्तावित महागठबंधन में आप के शामिल होने के बारे में कुछ नहीं बताया. उन्होंने कहा ‘परिषद ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव में अपनी (आप) भूमिका को निभाने के साथ साथ मोदी सरकार को हटाने के लिये जो भी सहयोग की जरूरत होगी उसे करेंगे और इस तानाशाही पूर्ण सरकार को उखाड़ कर फेकेंगे.’

राय ने कहा कि परिषद ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव की तैयारी और रणनीति को लेकर स्वीकृत किये गये प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके तहत आप दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ की सभी लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी.

इसके अलावा उन राज्यों की उन सीटों पर भी आप प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे जहां भाजपा को हराने में वे सक्षम होंगे. इन सीटों के चयन के लिये राष्ट्रीय परिषद ने पार्टी की प्रदेश इकाईयों को संगठन के स्तर पर चुनावी तैयारियों की रिपोर्ट बनाने को कहा है. इनकी रिपोर्ट के आधार पर राजनीतिक मामलों की समिति चुनाव लड़ने वाली सीटों का चयन करेगी.

चुनाव प्रचार अभियान के बारे में राय ने बताया कि आप अगले लोकसभा चुनाव में किसानों के साथ मोदी सरकार की वादाखिलाफी को प्राथमिकता से उठाएगी. इसके अलावा महिला सुरक्षा और राफेल खरीद मामले में भ्रष्टाचार को भी चुनावी मुद्दा बनायेगी. इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली सरकार के ऐतिहासिक कार्यों को चुनाव प्रचार के दौरान लघु फिल्मों के माध्यम से विभिन्न राज्यों में जनता के बीच ले जाने का परिषद ने फैसला किया है.

बैठक में 20 राज्यों के लगभग 250 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. समझा जाता है कि पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे कार्यकारिणी के सदस्य कुमार विश्वास दोनों बैठकों से नदारद रहे. विश्वास और पार्टी की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है.