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पीएम मोदी: आर्थिक आलोचकों को दिया करारा जवाब, 20 अहम बातें

यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जवाब

FP Staff

विज्ञान भवन में कंपनी सेक्रेटरी के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा, आप देश में ईमानदारी को बढ़ावा देते हैं. प्रधानमंत्री इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी (ICSI) के गोल्डन जुबली के मौके पर बोल रहे हैं.

देश में संस्थागत ईमानदारी को बढ़ावा देने में आईसीएसआई का अहम योगदान है. मोदी ने कहा, 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद कैश टू जीडीपी रेशियो घटकर 9 फीसदी पर आ गया है. इससे पहले यह आंकड़ा 12 फीसदी था. मोदी ने कहा, 8 नवंबर को ईमानदारी के पर्व के तौर पर मनाया जाता है.

कुछ लोग कर्ण के सारथी शल्य की तरह हतोत्साहित करने का काम करते हैं. इस तरह के लोगों को पहचानने की जरूरत है. ऐसे लोगों को एक तिमाही में भी जीडीपी की गिरावट बहुत बड़ी लगती है. डोकलाम के बारे में भी लोगों को लगता था कि कुछ नहीं होगा. शल्य महाभारत के युद्ध में सबको हतोत्साहित करने का काम करता था.

मोदी ने कहा, क्या पहली बार जीडीपी में गिरावट आई है. पुरानी बातों को भूलना नहीं चाहिए. देश की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 0.2 फीसदी थी. लेकिन यह किसी को याद नहीं है. पिछली सरकार के 2 साल का आंकड़ा इसलिए लिया गया है क्योंकि जीडीपी तय करने का तरीका 5 साल पहले बदला गया था.

जीडीपी से किसी देश की अर्थव्यवस्था का पता चलता है. मोदी ने कहा, 'पुरानी सरकार के 6 साल के शासन में ऐसा 8 बार हुआ है जब जीडीपी 5.7 फीसदी से नीचे थी.' उन्होंने कहा, 'मैंने कभी अर्थशास्त्री होने का दावा नहीं किया है. पिछली सरकार में महंगाई बढ़ने की चर्चा ज्यादा थी.'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'कई लोगों ने माना है कि देश के फंडामेंटल्स मजबूत हैं. हम रिफॉर्म कर रहे हैं.' आरबीआई ने भी कहा है कि अगली तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ 7.7 फीसदी तक जा सकता है. फिलहाल ढांचागत बदलाव के कारण अगर किसी सेक्टर को मदद की जरूरत है तो सरकार उसके लिए सजग है.

आज मैं आपके माध्यम से यह कहना चाहता हूं, 'ईमानदारी को प्रीमियम मिलेगा. ईमानदारों के हितों की सुरक्षा की जाएगी. व्यापारियों के पुराने रिकॉर्ड नहीं खंगाला जाएगा.' उन्होंने कहा कि ईमानदारी को अपनाने वाले कारोबारियों की पुरानी चीजें नहीं जांची जाएंगी. पहले ऐसे नियम थे कि सरकार को पुराने रिकॉर्ड भी खंगालना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं किया जाएगा.

जीएसटी लागू हुए तीन महीने हो गए हैं. व्यापारियों को जो दिक्कतें हो रही हैं जीएसटी काउंसिल उसकी समीक्षा करेगी. जीएसटी में जो भी सुधार या बदलाव की जरूरत होगी सरकार करेगी.

मोदी ने कहा, शहरों में लगातार मांग बढ़ रही है. कोई भी अपनी पहली कार मजबूरी में नहीं खरीदता. अपने सभी खर्चे देखने के बाद ही कोई गाड़ी खरीदने का फैसला करता है. अगर आप जून में पैसेंजर कारों में 23 फीसदी का इजाफा हुआ है. लोग गाड़ियां खरीद रहे हैं, हवाई यात्रा कर रहे हैं. जून में एयर ट्रैफिक 14 फीसदी बढ़ा है. गांवों में ट्रैक्टर की बिक्री 34 फीसदी बढ़ी है. टेलीफोन कनेक्शन लेने वालों की संख्या 14 फीसदी बढ़ी है.

पिछली सरकार के तीन साल के काम की रफ्तार और हमारी सरकार के तीन साल के काम की रफ्तार देख लीजिए. पिछली सरकार ने अपने आखिरी के तीन साल में 80,000 किलोमीटर सड़क बनाई थी. हमने अपने तीन साल में 1 लाख 20 हजार किलोमीटर तक सड़क बनाई है.

नरेंद्र मोदी ने कहा, अब ट्रेन की बात करते हैं. पिछली सरकार ने अपने आखिरी के 3 साल में 1100 किलोमीटर रेल लाइन बिछाई थी. हमने अपने तीन साल में 2200 किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइनें बिछाई हैं. अगर हम रेल लाइन के दोहरीकरण (डबल लाइन) की बात करें तो पिछली सरकार ने तीन साल में 1300 किलोमीटर रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया है. हमने अपने तीन साल में 2600 किलोमीटर रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया है.

पिछली सरकार ने बहुत अच्छे काम हमारे लिए छोड़ दिए हैं. जो लोग रिफॉर्म का गीत गाते हैं उन्हें भी बता दूं. हमारी सरकार ने छोटे बड़े मिलाकर 87 रिफॉर्म किए हैं. ये रिफॉर्म 21 सेक्टर में किए गए हैं. हम गरीबों को घर देने का वादा कर रहे हैं. निंदा करने वालों को आर्थिक सुधार नहीं दिख रहे हैं.

लिबरलाइजेशन से 2014 तक और 2014 से 2017 के बीच के काम आप देख सकते हैं. 1980 से ही ऑटो सेक्टर में लिबरलाइजेश की चर्चा रही है. इसमें कुल पूंजी निवेश का 44 फीसदी इन्हीं तीन साल में आया है. विदेशी निवेश बढ़ना इस बात का सबूत है कि सरकार पर भरोसा बढ़ा है. इनका भरोसा नीति के साथ हमारी नियत की वजह से बढ़ा है. विदेशी निवेश से रोजगार भी बढ़े हैं. लेकिन शल्य बुद्धि के कारण लोगों को सुधार नजर नहीं आते.

मेहनत से कमाए एक एक पैसे की कीमत सरकार समझती है. गरीबों और मध्यम वर्ग की जिंदगी को आसान बनाए. उनके पैसों की बचत हो. पिछली सरकार के समय एलईडी बल्ब की कीमत 350 रुपए थी. अब इसकी कीमत 40-45 रुपए में आता है. यह सरकार के उजाला स्कीम की वजह से हुआ है. अब समझ में नहीं आता कि उस वक्त 350 रुपए एलईडी की कीमत क्यों थी. यह खोज का विषय है. देश में 26 करोड़ एलईडी बल्ब बांटा गया है.

पिछली सरकार चुनाव जीतने के लिए सिर्फ रेवड़ी बांटती थी. लेकिन क्या इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है. रेवड़ी न बांटने की वजह से मेरी बहुत आलोचना होती थी.

प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर के अलावा एक सेक्टर पर्सनल सेक्टर भी है. इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए मुद्रा योजना के तहत सरकार कर्ज दे रही है. सरकार ने इस योजना के तहत 9 करोड़ लोगों को 3.45 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जा चुका है. वो भी बिना किसी गारंटी. इनमें से 2.65 करोड़ नौजवान ऐसे हैं जिन्होंने पहली कारोबार के लिए कर्ज लिया है. स्किल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के जरिए बढ़ावा देती है. संगठिक क्षेत्र में लाने के लिए कंपनी को ज्यादा सुविधा दी जा रही है.

सबसे बड़ा नुकसान काले धन से है. इससे निपटने के लिए सरकार ने नोटबंदी के बाद 2 लाख 10 हजार कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. लेकिन कोई विरोध नहीं हुआ क्योंकि ये फर्जी कंपनियां थीं. व्यापरियों को प्रेरित करते रहे ताकि वो कारोबार करें.

कम से कम एक लाख नौजवानों को जीएसटी की छोटी छोटी चीजों की जानकारी दे. हफ्ते दस दिन की ट्रेनिंग के बाद वो गांवों में लोगों को जीएसटी में मदद करें. इस तरह ICSI कई लोगों को रोजगार दे सकता है.

2022 में 75 साल मनाएगा. हमारे दिल में सपना है. महापुरुषों ने अपनी जवानी खपा दी. अपनी जान दे दी. ICSI में संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, क्या 2022 तक यह संकल्प ले सकते हैं क्या? क्या आप यह वादा कर सकते हैं कि 2022 तक एक भी फर्जी कंपनी ना हो? क्या आप यह वादा कर सकते हैं कि हर कंपनी ईमानदारी से काम करे.

हम आलोचनाओं का बुरा नहीं मानते. हम संवेदनशील सरकार है. उचित स्थान पर आलोचनाओं को सोचकर नम्रता के साथ विश्वास दिलाना चाहता हूं. मैंने कई पैरामीटर दिखाया जो सरकार की दिशा और गति का सबूत देते हैं. भारत के प्रति देश और दुनिया में जो विश्वास पैदा हुआ है, उसका सबूत देते हैं.