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मोदी-शाह का 'खास' अंदाज: आप कयास लगाते रहिए, हम हैरान करते रहेंगे

दोनों नेताओं को सबको हैरत में डालने में आनंद आता है. इस बात की झलक उनके द्वारा लिए गए कई फैसलों में साफ दिखती है

FP Staff

बीजेपी ने एक बार फिर कर दिखाया है. महीनों तक इसे लेकर कयास लगाए जा रहे थे. न्यूज चैनलों ने अपने रिपोर्टरों तक को विदेश मंत्रालय के बाहर से यह सोचकर हटा लिया था कि सुषमा स्वराज को बीजेपी राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाएगी. लेकिन सोमवार को दिल्ली में अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सबको हैरान कर दिया.

उम्मीदवार के नाम की घोषणा करने से पहले अमित शाह पल भर के लिए रूके, यह जानते हुए कि उन्हें सुनने वाले लोग आश्चर्यचकित होने के लिए तैयार हैं, उन्होंने बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा कर दी. ऐसा करते हुए शाह के चेहरे पर संतोष के भाव झलक रहे थे.


वो कयासों और रहस्य को बढ़ाने की खातिर कुछ पल के लिए रूके, लेकिन फिर फौरन ही रामनाथ कोविंद के नाम की घोषणा कर दी. उनके ऐसा करते ही देश भर के मीडिया न्यूजरूम आनन-फानन में गूगल पर सर्च करने लगे. यह एक और मौका था जब मीडिया संस्थानों के लिए सबको राष्ट्रपति उम्मीदवार के बारे में बताने से पहले खुद यह जान लेना जरूरी था कि श्रीमान कोविंद हैं कौन.

मोदी और शाह की जोड़ी के राजनीतिक तौर पर लिए कई अप्रत्याशित फैसलों ने हर किसी को चौंकाया है

ऐसे चौंकाने वाले निर्णय अब रूटीन बन गए हैं

जो लोग नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कार्यशैली से वाकिफ हैं, उनके लिए यह कोई आश्चर्य नहीं है. एक सीनियर जर्नलिस्ट, जो नरेंद्र मोदी को उनके बीजेपी महासचिव के दिनों से जानते हैं, बताते हैं कि ऐसे चौंका देने वाले निर्णय अब रूटीन से बन चुके हैं.

वह याद करते हुए कहते हैं कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एक बार जब वो उनसे मिलने पहुंचे. मोदी ने उनसे हल्के-फुल्के अंदाज में पूछा, वो उनके लिए क्या कर सकते हैं? इसपर उन्होंने उनसे नए मंत्रियों के बारे में जानकारी मांगी. इस पर प्रधानमंत्री ठहाका लगाते हुए बोले कि मंत्रियों को भी उसी दिन इसका पता चलेगा जब मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा.

हमारे सामने एक प्रधानमंत्री और एक पार्टी के अध्यक्ष हैं जिन्हें सबको हैरत में डालने में आनंद आता है. इस बात की झलक उनके द्वारा लिए गए कई फैसलों में साफ दिखती है. वह चाहे यूपी के मुख्यमंत्री के तौर पर योगी आदित्यनाथ का चयन हो या फिर हरियाणा के लिए मनोहर लाल खट्टर, हैरान करने वाली बात हर जगह है. यहां तक कि दिल्ली के पुलिस कमिश्नर जैसे कम महत्वपूर्ण ओहदे चुनने की बात आई तो अमूल्य पटनायक को इसी जिम्मेदारी दी गई.

नौकरशाही के लिए भी संदेश साफ है, किसी भी विभाग के सबसे सीनियर अधिकारी से आप इस बारे में बात करें तो वो कहते हैं कि कृप्या मेरे नाम को चर्चा में न लाएं, वरना मुझे यह पद कभी हासिल नहीं होगा.