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हिमाचल चुनाव: धर्मनगरी नैना देवी में होने वाला है बड़ा घमासान

नैना देवी विधानसभा क्षेत्र में राजपूत मतदाता सबसे ज्यादा संख्या में मौजूद हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर एससी कैटेगरी के मतदाता आते हैं

FP Staff

हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीख लगातार नजदीक आती जा रही है. इसके साथ ही चुनावी सरगर्मी भी तेज होती जा रही है. राज्य के बिलासपुर जिले में स्थित नैना देवी विधानसभा सीट पर भी इसका असर साफ़ दिखाई दे रहा है. यह एक अनारक्षित सीट है. इस क्षेत्र में 2012 में कुल 61,477 मतदाता थे. यहां से मौजूदा विधायक बीजेपी के रणधीर शर्मा हैं.

नैना देवी की बेहद महत्वपूर्ण धार्मिक मान्यता है. यहां स्थित श्री नैना देवी माता मंदिर की समुद्र तल से ऊंचाई 1177 मीटर है. इस भव्य मंदिर की स्थापना को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं. जब भगवान शिव माता सती के मृत शरीर को अपने कंधों पर उठाकर तांडव नृत्य कर रहे थे तो सभी देवता भयभीत हो गए. तब देवताओं के अनुरोध पर भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 51 टुकड़ों में काट दिया. जहां-जहां ये टुकड़े गिरे, उन स्‍थानों को बाद में पवित्र शक्तिपीठों के नाम पर पूजा जाने लगा.


नैना देवी मंदिर वह जगह है जहां सती की आंखें गिरीं. एक मान्यता यह भी है कि नैना नामक एक लडक़ा अपने मवेशियों को चराने गया और देखा कि एक गाय अपने थनों से एक पत्थर पर दूध गिरा रही है. उसने अगले कई दिनों तक यह चीज होते देखी. एक रात जब वह सो रहा था, उसने मां को सपने मे यह कहते हुए देखा कि वह पत्थर उनकी पिंडी है. नैना ने पूरी स्थिति और उसके सपने के बारे में राजा बीर चंद को बताया. जब राजा ने देखा कि यह सच में हो रहा है, उसने उसी स्थान पर श्री नैना देवी नाम के मंदिर का निर्माण करवाया.

राजपूत मतदाता तय करते हैं किस्मत

सिख गुरु गोबिंद सिंह जी के साथ भी एक कथा जुड़ी हुई है. जब गुरु गोबिंद सिंह 1756 में मुगलों के खिलाफ अपने सैन्य अभियान के लिए रवाना हुए, तो वे श्री नैना देवी चले गए और देवी का आशीर्वाद पाने के लिए एक बलिदान यज्ञ किया. आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद उन्होंने सफलतापूर्वक मुगलों को हराया.

नैना देवी विधानसभा क्षेत्र में राजपूत मतदाता सबसे ज्यादा संख्या में मौजूद हैं. इसके बाद दूसरे नंबर पर एससी कैटेगरी के मतदाता आते हैं. बताया जाता है कि कभी इस इलाके में राम लाल ठाकुर की तूती बोलती थी. लेकिन अब यहां रणधीर शर्मा विधायक हैं. रणधीर शर्मा ने हिंदी से एमए किया है.वह छात्र जीवन से ही एबीवीपी से भी जुड़े रहे हैं.

वह हिमाचल प्रदेश के युवा बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. वह पहली बार 10 साल पहले 2007 में विधायक बने थे. इसके बाद 2012 वह दोबारा चुनाव जीत गए. उनका मुकाबला इस बार कांग्रेस के राम लाल ठाकुर से है. देखना होगा कि इस बारी चुनावी बाजी कौन मारता है.