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सेना नहीं पत्थरबाजों के साथ हैं करात और चटर्जी जैसे लोग: नायडू

नायडू ने कहा कि करात आतंकवादियों को पाकिस्तान से मिलने वाली मदद की अनदेखी कर रहे हैं

Bhasha

केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने भारतीय थलसेना में ‘खामियां निकालने’ और कश्मीरी पत्थरबाजों के प्रति ‘हमदर्दी’ जताने को लेकर माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात को आड़े हाथ लिया.

उन्होंने लेखक और स्तंभकार पार्थ चटर्जी की ओर से हाल में लिखे गए उस लेख पर भी आपत्ति जताई जिसमें थलसेना प्रमुख विपिन रावत की कथित तुलना जालियांवाला बाग नरसंहार को अंजाम देने के लिए कुख्यात जनरल डायर से की गई थी.


करात को सेना से नहीं पत्थरबाजों से हमदर्दी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता ने मुंबई में करात के बयान के जवाब में कहा, ‘इन लोगों को एक पत्थरबाज से हमदर्दी है. उन्हें ऐसे लोगों से हमदर्दी नहीं है जो अपने परिवार को छोड़कर देश के लिए लड़ रहे हैं.’

करात ने मंगलवार को कहा था, ‘दुर्भाग्यवश, थल सेना प्रमुख मोदी सरकार के नजरिए को दर्शा रहे हैं जो बल प्रयोग करके कश्मीर के लोगों को दबाना चाहती है.’ नायडू ने कहा कि करात आतंकवादियों को पाकिस्तान से मिलने वाली मदद की अनदेखी कर रहे हैं.

पाकिस्तान और चीन की प्रवक्ता है माकपा: भाजपा

इसके अलावा माकपा पर हमला बोलते हुए भाजपा ने उस पर पाकिस्तान और चीन की ‘प्रवक्ता’ होने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी और ‘पथभ्रष्ट’ बुद्धिजीवी सशस्त्र बलों के साथ नहीं बल्कि अलगाववादियों, पत्थर फेंकने वालों और आतंकवादियों के साथ खड़े हैं.

भाजपा प्रवक्ता जी वी एल नरसिंहम्हा राव ने कहा, ‘सशस्त्र बलों के साथ खड़ा होने के बदले माकपा और बुद्धिजीवी अलगाववादियों, पत्थरबाजों और आतंकवादियों के साथ खड़े हैं.’

उन्होंने कहा, ‘वास्तव में, माकपा अब चीन तथा पाकिस्तान की प्रवक्ता बन गयी है. थल सेना प्रमुख को निशाना बनाने वाले लोग जयचंद हैं जो शत्रु पड़ोसियों के चाटुकार हैं और भारत की पीठ में छूरा घोंप रहे हैं.’

इसके पहले माकपा ने कश्मीर में ‘मानव कवच’ के इस्तेमाल का बचाव करने को लेकर थलसेना प्रमुख बिपिन रावत की आलोचना की थी.

पार्थ चटर्जी ने बिपिन रावत को बताया था जनरल डायर जैसा

बीते दिनों वरिष्ठ लेखक और स्कॉलर पार्थ चटर्जी ने अपने एक लेख में थल सेना अध्यक्ष बिपिन रावत की तुलना ब्रिटेन के कुख्यात जनरल डायर से की थी.

उन्होंने लेख में लिखा था कि जनरल डायर की तरह ही बिपिन रावत भी सेना की पकड़ को बनाये रखने के लिए नए-नए नुस्खे अपनाते हैं. डायर ने एक गली से गुजरने वाले भारतीयों के लिए रेंग कर जाना अनिवार्य कर दिया था. इसके अलावा कर्फ्यू तोड़ने कि सजा सबके सामने कोड़े बरसाना होती थी. ऐसे ही रावत पत्थरबाजी रोकने के लिए एक नागरिक को गाड़ी पर बांध देते हैं.