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गुजरात सरकार की कंपनी नहीं दे रही किसानों को मुआवजा

जीएसपीसी के ऊपर किसानों के बकाए को लेकर आंध्रप्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को लिखा पत्र

Bhasha

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को पत्र लिखकर गुजरात सरकार की कंपनी जीएसपीसी की शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि कंपनी केजी बेसिन में पाइपलाइन बिछाने के उसके कार्य से प्रभावित मछुआरों को मुआवजा नहीं दे रही.

टीडीपी के केंद्र में एनडीए छोड़े जाने के कुछ दिन बाद नायडू ने 24 मार्च को प्रधान को प्रभावित मछुआरों के बकाए मुआवजे के बारे में पत्र लिखा.


उन्होंने कहा कि गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (जीएसपीसी) ने बंगाल की खाड़ी में अपने केजी बेसिन ब्लाक में अपतटीय ‘ड्रिलिंग’ की और साथ ही खुदाई स्थल से तट तक पाइपलाइन बिछाई.

राज्य सरकार ने पाइपलाइन बिछाने के काम से प्रभावित गांवों एवं परिवार को चिन्हित करने के लिए 2012 में नियम तय किए. नायडू ने लिखा है 16,554 परिवार की पहचान की गई औ र6,750 रुपए प्रति माह प्रत्येक परिवार को दिया जाना था.

गुजरात की कंपनी ने कृष्णा बेसिन के पास छह कुओं की खुदाई की है 

उन्होंने कहा, ‘उसके अनुसार जीएसपीसी ने छह महीने के लिए 16,514 प्रभावित परिवार को मुआवजा देने के लिए 66.88 करोड़ रुपए की राशि दी. लेकिन जब पाइपलाइन बिछाई गई, उन परिवार को हर्जाना नहीं दिया गया.

नायडू ने प्रधान से इस मामले में व्यक्तिगत रूचि लेने और गरीब मछुआरे परिवार के सात महीने के हर्जाने के भुगतान के अनुरोध पर विचार करने का आग्रह किया है क्योंकि उस दौरान उनकी आजीविका प्रभावित हुई.

गुजरात सरकार की कंपनी जीएसपीसी ने आंध्र प्रदेश के तट के पास कृष्णा गोदावरी बेसिन में स्थित केजी-ओएसएन-2001:3 में छह कुओं की खुदाई की तथा संबद्ध उत्पादन सुविधाएं 2005 में स्थापित की.

पिछले साल कंपनी ने ब्लाक में अपनी 80 प्रतिशत हिस्सेदारी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को बेच दी.