view all

बीजेपी, कांग्रेस समेत सभी दलों ने की नगालैंड विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा

आदिवासी संगठनों ने राज्य में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव टालने की मांग करते हुए कहा था कि चुनाव से पहले नगा समस्या का समाधान जरूरी है

FP Staff

सोमवार को हुई सर्वदलीय बैठक में क्षेत्रीय दलों समेत बीजेपी और कांग्रेस जैसे राष्ट्रीय दलों ने भी 27 फरवरी को होने वाले नगालैंड विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है. बैठक में हुए फैसले में ‘समाधान नहीं तो चुनाव नहीं’ पर सभी दलों ने सहमति जताई है. राजनीतिक दलों ने विधानसभा चुनाव से पहले नगा समस्या के समाधान की मांग की है.

इससे पहले नगालैंड में सत्तारूढ़ एनपीएफ सहित प्रमुख राजनीतिक दलों ने नगालैंड के शीर्ष आदिवासी संगठन नगा होहो की इस मांग का समर्थन किया था कि राज्य में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले नगा समस्या का समाधान किया जाए.


नगा पीपुल्स फ्रंट, नेशनल पीपुल्स पार्टी और आम आदमी पार्टी ने एक बैठक में नगा होहो की कोर कमेटी से कहा कि वह ‘चुनाव नहीं समाधान’ के विचार से सहमत हैं.

राज्य में चार विधायकों वाली बीजेपी ने इस बैठक में शिरकत नहीं की थी.  इसके बाद आदिवासी नेताओं ने कहा था कि वह भगवा पार्टी से जनता के विचारों को स्वीकार करने को कहेंगे.

आदिवासी संगठनों ने राज्य में 27 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव टालने की मांग करते हुए कहा था कि चुनाव से पहले राज्य की सात दशक पुरानी नगा समस्या का समाधान जरूरी है.

सोमवार को हुई बैठक में बीजेपी के प्रतिनिधि ने भी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार वाले प्रस्ताव पर दस्तखत किए हैं.

सभी दलों ने यह अपील की है कि कोई भी उम्मीदवार विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन न करे. इसके साथ पार्टियों ने यह भी कहा है कि वे किसी भी उम्मीदवार को टिकट नहीं देंगे. सोमवार को हुए बैठक के समझौते पर कुल 11 दलों ने दस्तखत किए हैं. इसमें सत्ताधारी पार्टी एनपीएफ भी शामिल है.

शीर्ष आदिवासी संगठन नगा होहो ने 1998 में भी चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की थी लेकिन अंतिम मौके पर सत्तारूढ़ कांग्रेस ने नामांकन दायर कर दिया था और पार्टी साठ में से 59 सीट जीत गई थी.

बीजेपी के नगालैंड के प्रभारी राम माधव ने 22 जनवरी को दीमापुर में कहा था कि प्रदेश की नई सरकार नगा मुद्दे का समाधान लेकर आएगी और यह संवैधानिक जरूरत है कि पहले चुनाव कराया जाए.