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एमपी के गृहमंत्री को गैंगरेप की घटना के बारे में पता ही नहीं था: अजय सिंह

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को डीजीपी के साथ राज्य के गृहमंत्री से भी इस घटना के बारे में सवाल करना चाहिए

Bhasha

भोपाल में छात्रा के साथ कथित गैंगरेप की घटना अब राजनीतिक रूप से तूल पकड़ चुकी है. शिवराज सिंह की सफाई और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई के बाद विपक्ष ने पूरे मामले पर सरकार को घेरा है.

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने शनिवार को भोपाल में कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई, लेकिन गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह का कहीं अता-पता नहीं है.


अजय सिंह ने कहा, ‘मुख्यमंत्री को डीजीपी के साथ राज्य के गृहमंत्री से भी इस घटना के बारे में सवाल करना चाहिए. कुल मिलाकर शहर के बीचों बीच हुई इस शर्मनाक घटना से पूरी बीजेपी सरकार पर कालिख पुत गई है.’

सिर्फ नाम के गृहमंत्री हैं भूपेंद्र सिंह 

उन्होंने कहा कि राजधानी भोपाल में इतनी घिनौनी वारदात के बाद रिपोर्ट नहीं लिखने के अगर ये हालात हैं तो दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में क्या हालात होंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.

राज्य के गृहमंत्री का कहना है कि उन्हें घटना की तत्काल जानकारी मिल गई थी. अगर ऐसा था तो सवाल यह उठता है कि छात्रा और उसके परिजनों को रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए भटकाना क्यों पड़ा?

सिंह ने कहा कि प्रदेश के गृहमंत्री सिर्फ नाम के हैं. चाहे मंदसौर के किसानों पर गोली चलाने की घटना हो या टीकमगढ़ में किसानों को नंगा कर लॉकअप में बंद करने की घटना. इन सभी घटनाओं में हमारे गृहमंत्री की कोई भूमिका नहीं होती.

उन्होंने कहा कि गैंगरेप की वारदात के बाद सीएम बैठक कर रहे हैं, कार्यवाही के निर्देश दे रहे हैं और राज्य के गृहमंत्री नदारद हैं.

मामले में तीन आरोपियों को किया गया है गिरफ्तार 

मालूम हो कि 31 अक्टूबर की रात भोपाल में पुलिसकर्मी दंपत्ति की 19 वर्षीय बेटी के साथ चार बदमाशों ने लूटपाट की और बाद में उससे कथित तौर पर गैंगरेप किया.

घटना के बाद दूसरे दिन पीड़िता अपने माता-पिता के साथ रिपोर्ट लिखाने के लिए थाना-दर-थाना भटकती रही लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं हो सका. आखिरकार मीडिया में खबर आने और वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद एक नवंबर को शाम छह बजे एफआईआर दर्ज की गई.

एमपी पुलिस ने पीड़िता की एफआईआर दर्ज करने में लापरवाही बरतने के आरोप में पांच पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया और एक अधिकारी का पुलिस मुख्यालय में तबादला कर दिया.

डीजीपी ने इस घटना की शीघ्र जांच के लिए आईजी सुधीर लाड के निर्देशन में एक एसआईटी का गठन किया है. पुलिस ने मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है जबकि एक आरोपी की तलाश की जा रही है.