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MP Result: कांग्रेस से ज्यादा वोट शेयर पाकर भी सत्ता से दूर रह गई BJP, जानिए राज्य का पूरा गणित

हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में बीजेपी की 15 साल की सत्ता को खत्म कर कांग्रेस ने वापसी की है. 230 विधानसभा सीटों वाले राज्य में पार्टी को 114 सीटें मिली हैं

FP Staff

हिंदुस्तान का दिल कहे जाने वाले राज्य मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की 15 साल की सत्ता को खत्म कर कांग्रेस ने वापसी की है. 230 विधानसभा सीटों वाले राज्य में पार्टी को 114 सीटें मिली हैं. हालांकि पार्टी पूर्ण बहुमत से दो कदम दूर है. लेकिन 4 निर्दलीय विधायकों, 2 बीएसपी और 1 एसपी विधायक के समर्थन से पार्टी 121 के आंकड़े पर पहुंच गई है. प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है.

इससे पहले लगभग 24 घंटे की गिनती के बाद राज्य की 230 सीटों के नतीजे बुधवार सुबह 8.30 बजे आए. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले शिवराज सिंह चौहान ने अपनी परंपरागत सीट बुधनी से 58,999 मतों के अंतर से जीत हासिल की है. उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव को हराया.


इस चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत करीब 8 फीसदी बढ़ा है. उसे करीब 41 प्रतिशत वोट मिले हैं, जबकि बीजेपी को भी 41 फीसदी से थोड़ा अधिक वोट मिला. इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस इस बार एकजुट होकर चुनाव लड़ी, जबकि इससे पहले के चुनाव में कांग्रेस में गुटबाजी नजर आती थी, जिसके कारण उसे सत्ता से 15 साल तक बाहर रहना पड़ा था.

किसने जीती कितनी सीटें

मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 पर जीत मिली है. इसके अलावा दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में बीजेपी उभरी है. भारतीय जनता पार्टी को राज्य में 109 सीटों से संतोष करना पड़ा है. 4 सीटें निर्दलीय विधायकों के खाते में गई है. दो सीट बहुजन समाज पार्टी और 1 पर समाजवादी पार्टी को जीत मिली है.

क्या होगा आज

भोपाल में शाम 4 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है. इस बैठक में राज्य के पर्यवेक्षक एके एंटनी भी हिस्सा लेंगे. इस बैठक में हुई चर्चा से कांग्रेस अध्यक्ष को अवगत कराया जाएगा और विधायकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया जाएगा. वैसे चर्चा चल रही है कि कमलनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे. दिग्विजय सिंह ने भी कमलनाथ को अपना समर्थन दिया है.

मुख्यमंत्री जीते लेकिन कई मंत्री हारे

इस चुनाव में शिवराज भले ही जीतने में कामयाब रहे हैं लेकिन उनकी सरकार के 11 मंत्रियों की हार हुई है. हारने वाले मंत्रियों में ओम प्रकाश धुर्वे, अंतर सिंह आर्य, दीपक जोशी, अर्चना चिटनीस, ललिता यादव, बालकृष्ण पाटीदार, लाल सिंह आर्य, उमाशंकर गुप्ता, रुस्तम सिंह, जयभान सिंह पवैया और नारायण सिंह कुशवाहा का नाम शामिल है.

किसानों का कर्ज माफ करने के वादे से पार्टी को मिला लाभ

कांग्रेस द्वारा अपने वचन पत्र (घोषणा पत्र) में मध्य प्रदेश के सभी किसानों को दो लाख रुपए तक कर्ज माफ करने और उनकी विभिन्न उपजों पर बोनस देने का वादा कांग्रेस के लिए इस विधानसभा चुनाव में फायदेमंद रहा. कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन करने की यह भी एक मुख्य वजह रही.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इन दोनों वादों को प्रमुखता से अपनी सभी चुनावी सभाओं में उठा कर लोगों को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए आकर्षित किया था.

राहुल की इस लोकलुभावन वादे से किसानों ने अपनी धान की फसल को बेचना बंद कर दिया था. उन्हें डर था कि यदि वे अपनी फसल को सरकारी उपार्जन केन्द्रों में बेचेंगे, तो उनकी उपज को बेचने के एवज में मिले रुपए सीधे उनके बैंक खाते में चले जाएंगे और बैंक खुद ब खुद (ऑटोमैटिकली) उनके खाते से उनके द्वारा लिए गए उस कर्ज के पैसे काट देंगे, जो कांग्रेस की सरकार आने में अपने आप माफ होने वाले हैं.

58 से 114 पर पहुंची कांग्रेस

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सभी किसानों को दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने के साथ-साथ किसानों को उनकी उपजों गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, सरसों, कपास, अरहर, मूंग, चना, मसूर, उड़द, लहसुन, प्याज, टमाटर और गन्ना पर बोनस देने के वादा किया था. इसके बाद किसानों ने अपनी इस बोनस का लाभ लेने के लिए भी अपनी उपजों को मंडी एवं बाजार में बेचना बंद कर दिया था, ताकि कांग्रेस की सरकार आने के बाद इन पर बोनस भी लिया जा सके.

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 165 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस ने 58 सीटें, बीएसपी ने चार और तीन निर्दलीय के खाते में गए थे.

किसका कितना रहा वोट प्रतिशत

बीजेपी- 41.0 प्रतिशत

कांग्रेस- 40.09 प्रतिशत

निर्दलीय- 5.8 प्रतिशत

बीएसपी- 5.0 प्रतिशत

जीजीपी- 1.8 प्रतिशत

एसपी- 1.3 प्रतिशत

एएएपी- 0.7 प्रतिशत

एसपीएकेपी- 0.4 प्रतिशत

बीएएसडी- 0.2 प्रतिशत

बीएससीपी- 0.2 प्रतिशत