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मध्य प्रदेश: जादुई आंकड़े से दूर रहकर भी कैसे सरकार बनाने की स्थिति में आ गई कांग्रेस

230 विधानसभा सीटों वाले मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, 114 विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है

FP Staff

लगातार 24 घंटे तक चली मतगणना के बाद मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों के चुनावी नतीजे सामने आ गए हैं और अब तस्वीर साफ हो गई है. कांग्रेस को राज्य में 114 सीटें प्राप्त हुईं हैं. किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. बीएसपी सुप्रीमो मायावती और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया है. ऐसे में अब कमलनाथ की पार्टी को सरकार बनाने में कोई दिक्कत नहीं पेश आने वाली. राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं. कांग्रेस के खाते में 114 सीटें आईं हैं. दो-तिहाई बहुमत के लिए 116 सीटों की जरूरत होती है.

इसके साथ ही प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने 4 निर्दलीय विधायकों से बात की है. सभी ने कांग्रेस को समर्थन देने की बात कही है. एसपी-बीएसपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन के बाद से पार्टी जादुई आंकड़े से आगे निकल गई है और कांग्रेस के पास अब 117 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है.


उधर शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. इस्तीफा देने से पहले उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की. माना जा रहा था कि पार्टी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.

दूसरी तरफ राज्यपाल से कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा और सरकार बनाने का दावा पेश करेगा. शाम चार बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. बैठक में पार्टी के पर्यवेक्षक एके एंटनी भी मौजूद रहेंगे. इसके बाद राहुल गांधी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी जाएगी.

पार्टी में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर भी चर्चा तेज है. सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि कमलनाथ ही मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे. दिग्विजय सिंह ने भी कमलनाथ को अपना समर्थन दे दिया है. कहा जा रहा है कि सिंधिया ही कमलनाथ के नाम का प्रस्ताव रखेंगे.