मध्यप्रदेश नगर निगम चुनावों के नतीजे बीजेपी के लिए खतरे की घंटी की तरह है. 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले ऐसे नतीजे बीजेपी को सोचने पर मजबूर कर सकती है.
इस साल जून में जिन राज्यों में किसानों का विरोध प्रदर्शन हुआ था, वहां बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा है. यह खासतौर पर मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.
ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस को कुल 15 सीटें मिली हैं. इससे पहले कांग्रेस के पास सिर्फ 9 सीटें थीं. वहीं बीजेपी को 3 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है. बीजेपी की सीटें 28 से घटकर 25 पर आ गई हैं. मध्यप्रदेश में कुल 43 वार्ड में चुनाव हुए हैं. इसमें तीन निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.
बीजेपी का दबदबा बरकरार
हालांकि बीजेपी राज्य में नंबर वन बनी हुई है. नगरनिगम चुनावों में बीजेपी की बढ़त भले ही बरकरार हो लेकिन कांग्रेस की सीटें बढ़ने से चौहान सरकार की परेशानी जरूर बढ़ सकती है.
मंदसौर के जिन इलाकों में किसानों का आंदोलन हुआ था वहां बीजेपी की सीटें घटी हैं. मसलन रतलाम और सेहोर जैसे इलाकों में बीजेपी की सीटें घट गई हैं.
इस साल जून में मंदसौर ने खूब सुर्खियां बंटोरी थीं. इसी इलाके में किसानों का विरोध प्रदर्शन सबसे ज्यादा उग्र था. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान छह किसानों की मौत हो गई थी.
मध्यप्रदेश के इस इलाके के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी थी. लेकिन जून में मंदसौर और इससे जुड़े इलाकों में किसानों का प्रदर्शन काफी उग्र था.