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कर्नाटक में बीजेपी के 19 सूत्री जीत के मंत्र को साधने में जुटे 5 दर्जन से ज्यादा प्रचारक

बीजेपी ने सिद्धरमैया सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 75 दिनों की कर्नाटक परिवर्तन यात्रा आयोजित की थी

Bhasha

कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरा जोर लगा रही बीजेपी की रणनीति में उसका 19 सूत्री कार्यक्रम और देशभर से 5 दर्जन से अधिक प्रचारकों की मौजूदगी की भूमिका अहम होगी.

पार्टी ने अपनी इस रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए केंद्रीय मंत्रियों समेत देशभर से 56 सांसदों और नेताओं को लगाया है.


केंद्रीय नेताओं की यह टीम कर्नाटक प्रदेश बीजेपी के साथ करीबी संवाद के साथ काम कर रही है और इसमें हर विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर प्रबंधन पर खास जोर दिया जा रहा है. इसमें ‘पन्ना’ प्रमुखों के साथ समन्वय पर खास जोर दिया जा रहा है. इसके साथ ही बीजेपी मैसूर, मेंगलूरू, बेलगावी, कालबुर्गी, हुबली, बेल्लारी, बेंगलूरू समेत कई इलाकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘करिश्मे’ का उपयोग करेगी.

बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रदेश बीजेपी तो कार्यक्रम के अनुसार कार्य करेगी ही, इसके साथ ही केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों समेत देश के विभिन्न सांसदों की टीम को क्षेत्रवार लगाया गया है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के मार्गदर्शन में कर्नाटक में पार्टी चुनाव अभियान में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अनंत कुमार, रविशंकर प्रसाद, निर्मला सीमारमण, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जितेंद्र सिंह, पी पी चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, अनंत कुमार हेगड़े के अलावा मुख्यमंत्रियों में योगी आदित्यनाथ, जयराम ठाकुर आदि शामिल हैं.

हर विधानसभा सीट पर 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है

पार्टी ने राज्य के 224 विधानसभा क्षेतों में हर सीट पर ‘शक्ति केंद्र’ स्थापित करने की पहल की है . हर पांच-छह बूथ पर एक शक्ति केंद्र स्थापित किया गया है. इन शक्ति केंद्रों का समन्वय इसके ‘प्रमुख’ कर रहे हैं . इसके अलावा हर बूथ पर कमिटि का निर्माण करने की पहल की गई है.

हर विधानसभा सीट पर 12 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है जिसमें अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक, युवा, महिलाओं को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है . इस समिति को बूथवार रिपोर्ट तैयार करने का दायित्व सौंपा गया है.

बहरहाल, कर्नाटक चुनाव में बीजेपी की जीत का दावा करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुरलीधर राव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की सम्पूर्ण राजनीति जाति, धर्म, पंथ के आधार पर लोगों को बांटने और तुष्टिकरण की राजनीति के माध्यम से सत्ता हासिल करने की अवधारणा पर आधारित है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व एक तरफ हिंदुओं को बांटने और दूसरी तरफ भय दिखाकर किसी न किसी तरह से अल्पसंख्यकों को एक रखने की नीति का अनुसरण कर रहा है. इस रणनीति पर कांग्रेस वर्षों से चल रही है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक की जनता इस बात को समझ गई है और बीजेपी को जनादेश देने का पूरी तरह से मन बना चुकी है.

बीजेपी ने सिद्धरमैया सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए 75 दिनों की कर्नाटक परिवर्तन यात्रा आयोजित की थी. इस भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के प्रभाव का आंकलन करते हुए पार्टी ने इस विषय को जोरदार ढंग से उठाने का निर्णय किया है. पार्टी अलग अलग क्षेत्रों में ‘बाइकर्स रैली’ का भी आयोजन कर रही है.