नोटबंदी के फैसले को लेकर ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की लीगल और मानवाधिकार संगठन ने दिल्ली में एक सेमिनार का आयोजन किया. सेमिनार में कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने नोटबंदी के फैसले पर सवाल खड़े किए. कांग्रेस के नेताओं ने नोटबंदी के दूरगामी नतीजे भुगतने के लिए देश को तैयार रहने को कहा.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिंदबरम, योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया और दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला.
देश के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नोटबंदी के फैसले को सरकार की सबसे बड़ी भूल बताया. चिदंबरम ने कहा, ‘नोटबंदी के फैसले के बाद कठिन परिश्रम करने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा. नोटबंदी के बाद आज तक कालेधन वाले पैसे जमा करा रहे हैं. कालाधन का सबसे अधिक हिस्सा रियल एस्टेट और गोल्ड में है, जिस पर सरकार के तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई’.
चिंदबरम ने कहा कि सरकार के नोटबंदी के फैसले से कोई उद्देश्य पूरा नहीं हुआ. सरकार के फैसले से न कालाधन पर रोक लगी न नकली नोट पर रोक लगी और न ही भ्रष्टाचार में कोई कमी आई.
मोस्ट एंटी इंटिलेक्चुअल सरकार कौन?
चिदंबरम ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार मोस्ट एंटी इंटिलेक्चुअल सरकार है. प्रधानमंत्री मोदी की नजर में हॉवर्ड, कैम्ब्रिज औरऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय का कोई मूल्य नहीं है. यह सरकार सोचती है कि अमर्त्य सेन का कोई मूल्य नहीं है.
वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि बीजेपी के पास देश में सबसे ज्यादा कैश है. अगर आप यूपी में हो रहे विधानसभा चुनाव को देखें तो आपको लगेगा कि यूपी में कोई नोटबंदी थी ही नहीं.
सबसे बड़ा घोटाला
कपिल सिब्बल ने कहा कि हिंदुस्तान के इतिहास में यह सबसे बड़ा घोटाला है. देश में बैंकों की मदद से बड़ी संख्या में कालाधन बदला गया है. नोटबंदी से सबसे ज्यादा पैसा बीजेपी ने बनाया है. इसलिए हम लोग मांग करते हैं कि जेपीसी(संयुक्त संसदीय समिति) से जांच कराई जाए कि कैसे बैंकों में नोट बदले गए.
कपिल सिब्बल ने कहा कि नोटबंदी के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सीएसओ(केंद्रीय सांख्यिकी संगठन) के प्रति लोगों का विश्वास घटा है. इन दोनों पर आम जनता को शक होने लगा है. सीएसओ के ताजा आंकड़े चुनाव के लिए हैं. देश में झूठ की रथ यात्रा चल रही है. हम लोग 2019 में रथ यात्रा का अंत करेंगे.
कांग्रेस द्वारा आयोजित इस सेमिनार में योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने भी मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया.