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कैबिनेट फेरबदल तय हो चुका है...बस कीजिए थोड़ा इंतजार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मंत्रियों के कामकाज का आंकलन कर रहे हैं. लेकिन, जो मंत्री उनके काम की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं उनके विभागों को बदलने की तैयारी भी हो रही है

Amitesh

मोदी कैबिनेट का तीसरा विस्तार रविवार को होगा. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री के रविवार से शुरू होने वाले चीन दौरे से पहले सुबह दस बजे कैबिनेट विस्तार का समय तय हो गया है.

लेकिन, कैबिनेट विस्तार से पहले ही इस्तीफों की झड़ी लग गई है. सबसे पहले कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद ही रूडी का इस्तीफा हुआ है. रूडी के अलावा स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.


लेकिन, कई ऐसे मंत्री हैं जिनकी तरफ से इस्तीफे की पेशकश की गई है. गंगा सफाई की जिम्मेदारी संभाल रही उमा भारती ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे की पेशकश की है. उमा भारती संघ की करीबी रही हैं. भगवाधारी साध्वी उमा लगातार हिंदुत्व के पैरोकार और हिंदुत्व की ब्रांड अंबेसडर के तौर पर ही जानी जाती रही हैं. लेकिन, माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री उमा भारती के काम से खुश नहीं थे. लिहाजा उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है.

इसके अलावा यूपी से मंत्री संजीव बालियान और 75 की उम्र पार कर चुके लघु और सूक्ष्म उद्योग मंत्री कलराज मिश्र, निर्मला सीतारमण और महेंद्र नाथ पांडे की भी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद इस्तीफे की खबर है.

कलराज मिश्र को उम्र के आधार पर कैबिनेट से विदा किया जा रहा है, जबकि निर्मला सीतारमण को गुजरात में चुनाव का सह-प्रभारी बनाया गया है. माना जा रहा है कि उनके भी काम से प्रधानमंत्री संतुष्ट नहीं थे, लिहाजा उन्हें कैबिनेट से बाहर कर संगठन की जिम्मेदारी दी जा रही है. दूसरी तरफ, मानव संसाधन राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया है, जिसके बाद उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है.

कई मंत्रियों के पर कतरने की तैयारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार मंत्रियों के कामकाज का आंकलन कर रहे हैं. लेकिन, जो मंत्री उनके काम की कसौटी पर खरे नहीं उतर रहे हैं उनके विभागों को बदलने की तैयारी भी हो रही है.

सूत्रों के मुताबिक, नागरिक विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू का विभाग बदला जा सकता है. जबकि रेल मंत्री सुरेश प्रभु के पर भी कतर कर उन्हें पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है.

सुरेश प्रभु की जगह भूतल परिवहन और जहाजरानी मंत्री नीतिन गडकरी को ही रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है. इनके अलावा भी कई मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं जिनके काम से प्रधानमंत्री खुश नहीं दिख रहे हैं.

कौन-कौन से होंगे नए चेहरे ?

मोदी कैबिनेट में कई नए चेहरे भी शामिल किए जा रहे हैं. बीजेपी की तरफ से उन राज्यों से नए चेहरों को लाने की तैयारी हो रही है जहां विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसके अलावा एनडीए में शामिल जेडीयू और एआईएडीएमके की तरफ से भी नए मंत्रियों को जगह दी जानी तय है.

सूत्रों के मुताबिक, इस साल होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए गुजरात के भावनगर से सांसद भारती स्याल को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. भारती गुजरात में पार्टी की ओबीसी चेहरा भी हैं.

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश से पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल या उनके बेटे अनुराग ठाकुर को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. पार्टी ने स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के नेतृत्व को हिमाचल चुनाव के मद्देनजर आगे कर सकती है.

इसके अलावा कर्नाटक में भी अगले साल चुनाव होने हैं जिसको ध्यान में रखते हुए वहां से प्रहलाद जोशी और सुरेश अंगाड़ी को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. सुरेश अंगाड़ी लिगायत समुदाय से आते हैं.

मध्यप्रदेश और राजस्थान में भी अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं लिहाजा वहां से भी कैबिनेट में नए लोगों को तरजीह दी जा सकती है. मध्यप्रदेश से सांसद प्रहलाद पटेल को कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. प्रहलाद पटेल ओबीसी चेहरे हैं और उमा भारती के हटने के बाद दूसरे लोध राजपूत नेता के जरिए बीजेपी जातीय समीकरण को साध सकती है.

बीजेपी कोटे से राजस्थान से बीजेपी सांसद ओम माथुर मंत्री बनाए जा सकते हैं. इसके अलावा पार्टी महासचिव राम माधव औऱ भूपेंद्र यादव को भी सरकार में जगह दी जा सकती है. जबकि असम से हेमंत विश्वसर्मा को मोदी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है.

जेडीयू से कैबिनेट में दो लोगों को जगह दी जा सकती है, जिसमें संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह का नाम सबसे उपर लिया जा रहा है. इसके अलावा एआईएडीमके से एम थंबीदुरई और मैत्रेयन कैबिनेट का हिस्सा हो सकते हैं. इन दोनों के अलावा दो राज्य मंत्री भी एआईएडीएमके की तरफ से भी शपथ ले सकते हैं.

शिवसेना और टीडीपी की तरफ से एक-एक नए मंत्री इस बार के कैबिनेट विस्तार में जगह पा सकते हैं. हालाकि शिवसेना के बीजेपी के प्रति कभी नरम तो कभी गरम रुख को देखकर अभी भी कैबिनेट विस्तार में उसके शामिल होने को लेकर सस्पेंस बना हुआ है.

कुछ का हो सकता है प्रोमोशन !

कुछ मंत्रियों को मोदी कैबिनेट में इस बार तरक्की भी दी जा सकती है. जिन मंत्रियों के काम से प्रधानमंत्री खुश हैं उन्हें इनाम भी दिया जा सकता है. इनमें स्वतंत्र प्रभार के मंत्री के तौर पर काम कर रहे उर्जा मंत्री पीयूष गोयल, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और संचार मंत्री मनोज सिंहा को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता है.

2019 के पहले का आखिरी विस्तार

मोदी कैबिनेट के इस तीसरे विस्तार को 2019 के पहले का आखिरी कैबिनेट विस्तार माना जा रहा है. प्रधानमंत्री भी इस बात को समझ रहे हैं कि अब बचे हुए डेढ़ साल में सरकार के काम को और बेहतर करना होगा. लिहाजा उन मंत्रियों की छुट्टी हो रही है जिनका प्रदर्शन ठीक नहीं रहा और नए ऊर्जावान मंत्रियों की एंट्री हो रही है.

सरकार में बदलाव के साथ-साथ संगठन में भी बदलाव की व्यापक तैयारी हो रही है. सरकार के साथ-साथ संगठन को भी चुस्त-दुरुस्त किया जा रहा है ताकि 2019 की लड़ाई से पहले हर स्तर पर अपने-आप को तैयार किया जा सके. हालांकि कैबिनेट विस्तार के साथ-साथ उन राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति भी होगी जहां अबतक राज्यपाल का पद खाली है.