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हरदीप सिंह पुरी: जिसने रखा है दुनिया के सामने भारत का पक्ष

भारतीय विदेश सेवा में रह चुके हरदीप सिंह पुरी को मोदी सरकार में शहरी और आवासीय मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है

FP Staff

आईएफएस रह चुके हरदीप सिंह पुरी को मोदी सरकार में शहरी और आवासीय मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है.

15 फरवरी 1952 को दिल्ली में जन्मे हरदीप भारतीय विदेश सेवा के 1974 बैच के अधिकारी हैं और वर्ष 2014 में राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति भारतीय जनता पार्टी के रूख से प्रभावित होकर उन्होंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया था.


विदेश सेवा में रहते हुए हरदीप सिंह पुरी जेपी आंदोलन में भी हिस्सा ले चुके हैं.

65 वर्षीय पुरी संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर न्यूयार्क (2009-2013) और जेनेवा (2002-2005) में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

हरदीप पुरी को राजनयिक जीवन में कई मौकों पर दुनिया के सामने भारत का पक्ष पूरी मजबूती से रखने के लिए जाना जाता है.

यूपी से जा सकते हैं राज्यसभा में

उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कालेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय विदेश सेवा का रूख किया और इस दौरान जेपी आंदोलन में भी सक्रिय रहे. वह कुछ समय तक सेंट स्टीफन कॉलेज में लेक्चरर भी रहे.

सेवानिवृत्त राजनयिक हरदीप पुरी ने वर्ष 1988 से 1991 के दौरान ब्राजील, जापान, श्रीलंका और ब्रिटेन में महत्वपूर्ण राजनयिक जिम्मेदारियां निभाईं हैं. वह इंटरनेशनल पीस इंस्‍टीट्यूट, न्‍यूयॉर्क के वाइस प्रेसिडेंट भी रह चुके हैं. वह न्यूयार्क में बहुपक्षवाद स्वतंत्र आयोग के महासचिव भी रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में हरदीप का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

हरदीप सिंह पुरी फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. ऐसी उम्मीद की जा रही है मनोहर पर्रिकर के गोवा के सीएम बनने के बाद खाली हुई यूपी कोटे की राज्यसभा सीट से हरदीप सिंह पुरी को संसद भेजा जाएगा.

हालांकि मार्च 2017 में खाली हुई मनोहर पर्रिकर की सीट पर अभी चुनाव नहीं घोषित हुआ है. वैसे इस सीट से हरदीप सिंह पुरी के राज्यसभा जाने में कोई अड़चन नहीं है क्योंकि यूपी में एनडीए के पास 325 सीटें हैं.