विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए उसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तत्काल प्रभाव से एमजे अकबर का इस्तीफा मंजूर कर लिया.
एमजे अकबर जब विदेश दौरे पर थे, उस वक्त एक के बाद एक कई महिला पत्रकारों ने उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था.
माना जा रहा है कि पीएम मोदी के दखल देने के बाद अकबर ने अपना इस्तीफा दिया है. पीएम मोदी ने पार्टी की छवि खराब होने के डर से अकबर का इस्तीफा ले लिया है. प्रधानमंत्री ने अकबर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है.
नाइजीरिया के दौरे से वह रविवार को लौटकर आए. आने के बाद यह उम्मीद थी कि वह इस्तीफ दे देंगे. रविवार को वह सुषमा स्वराज से मिले लेकिन इस्तीफा नहीं दिया. रविवार को उन्होंने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ क्रिमिनल डिफमेशन केस करने की बात कही थी. सोमवार को उन्होंने प्रिया पर मानहानि का केस किया. लेकिन दो दिन बाद आज अकबर ने इस्तीफा दे दिया.
विदेश राज्य मंत्री ने अपने इस्तीफा में लिखा है कि चूंकि मैं न्याय के लिए कोर्ट गया हूं मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं. मैंने अपना इस्तीफा विदेश मंत्रालय को दे चुका हूं. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश राज्य मंत्री सुषमा स्वराज का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मुझे देश सेवा का मौका दिया.
अकबर पर क्या लगा है आरोप?
अकबर पर करीब 17 महिलाओं ने एडिटर रहते हुए अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. इन महिला पत्रकारों का कहना थाकि उनके करियर के शुरुआती दौर में अकबर ने उनका शोषण किया था.
प्रिया रमानी पर डिफेमेशन केस के बाद एशियन एज की करीब 17 महिला पत्रकारों ने एक लिखित याचिका दायर की थी. ये सभी महिला पत्रकार कभी ना कभी एमजे अकबर के साथ एशियन एज में काम कर चुकी हैं.
इन 17 महिला पत्रकारों में तीन मौजूदा एडिटर भी शामिल हैं. इनमें मीनल वघेल हैं, जो फिलहाल मुंबई मिरर की एडिटर हैं. दूसरी एडिटर एटी जयंति हैं जो अभी डेक्कन क्रॉनिकल की एडिटर हैं. इस मुहिम से जुड़ने वाली तीसरी एडिटर सुपर्णा शर्मा हैं. सुपर्णा अभी एशियन एज, दिल्ली की रेजिडेंट एडिटर हैं.
ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है जब तीन मौजूदा महिला एडिटर #MeToo अभियान में शामिल हुए हैं. इन तीनों एडिटर को मिलाकर कुल 17 महिलाओं ने अकबर के खिलाफ याचिका दायर की है.
मिनिस्टर एमजे अकबर ने हमारे पूर्व सहयोगी प्रिया रमानी के खिलाफ क्रिमिनल डिफमेशन केस किया है क्योंकि उन्होंने एशियन एज में रहते हुए अकबर के खराब बर्ताव के बारे में बताया. अकबर तब एशियन एज के एडिटर थे.
अकबर के खराब व्यवहार के खिलाफ कई महिलाओं ने खुलकर बोला है. उसके बावजूद रमानी पर केस किया गया है. अकबर के लीगल एक्शन से यह साफ है कि वह पुरानी बातों की अनदेखी कर रहे हैं जिसकी वजह से पिछले कई साल से महिलाओं को काफी पीड़ा हुई है. इस बीच वह सांसद और मंत्री के तौर पर अपनी ताकत का मजा ले रहे हैं.