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#MeToo: एमजे अकबर की सफाई पर बोलीं 5 महिला पत्रकार- अपने आरोपों पर हैं कायम

आरोप लगाने वाली 2 महिला पत्रकारों ने कहा कि एमजे अकबर के इस्तीफा नहीं देने के फैसले से वो मायूस हैं मगर उन्हें इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ

FP Staff

यौन शोषण के आरोपों से घिरे विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के अपने इस्तीफा से इनकार करने के बाद उनपर आरोप लगाने वाली 5 महिला पत्रकारों ने कहा कि वो अब भी अपने आरोपों पर कायम हैं. इनमें से 2 ने कहा कि अकबर के इस्तीफा नहीं देने के फैसले से वो मायूस हैं मगर उन्हें इससे कोई आश्चर्य नहीं हुआ.

द एशियन एज की रेसीडेंट एडिटर सुपर्णा शर्मा ने अखबर द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैं अपने साथ हुई दो घटनाओं की गवाह हूं- पहले में उन्होंने (एमजे अकबर) ने मेरी ब्रा की स्ट्रैप पकड़ी थी और दूसरे में जब वो मेरे ब्रेस्ट को लगातार घूर रहे थे. मैं इस बात की भी गवाह हूं कि उन्होंने दफ्तर में काम करने वाली अन्य सहकर्मी महिलाओं के साथ भी ऐसा कुछ ही किया. मैं अकबर की प्रतिक्रिया (इस्तीफा नहीं देने के फैसले) से निराश हूं मगर मुझे आश्चर्य नहीं है. यह एक लंबी चलने वाली लड़ाई है. इस मामले में अगला कदम कानूनी होगा.'


रविवार को अफ्रीका दौरे से भारत वापस लौटने पर एमजे अकबर ने उसी दिन शाम को मीडिया से कहा कि, उनपर लगाए गए झूठे और मनगढ़ंत आरोपों पर उनके वकील जवाब देंगे. इसपर सुपर्णा ने कहा, 'उनके लिए अभी यह खत्म नहीं हुआ है. वो अपने दोस्तों से बातचीत कर इस बारे में 'कानूनी सलाह' ले रही हैं.'

भारत में #MeToo कैंपेन के जोर पकड़ने के बाद से विभिन्न क्षेत्रों में कई महिलाओं ने पूर्व में अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की घटनाएं बयां की है

अकबर के अपनी दलील में यह सवाल उठाने पर कि 'यौन शोषण का यह विवाद आम चुनाव से कुछ महीने पहले ही क्यों आया?' इस पर न्यूयॉर्क में काम करने वाली पत्रकार मजले डे प्यू कैंप ने कहा, 'मैं भारत की नागरिक नहीं हूं. मुझे वोट डालने का अधिकार नहीं है. मेरा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. उनपर लगाए गए आरोपों के मेरे पास सबूत हैं. मेरे पिता ने उन्हें इस घटना को लेकर ईमेल भेजा था जिसपर उनका जवाब आया था. मेरे पास इसका सबूत है. मैं उनकी सफाई वाले बयान से निराश हूं. मैं, हालांकि, उनपर लगाए गए अपने आरोपों पर मजबूती से टिकी हुई हूं.'