दिल्ली एमसीडी चुनाव में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक और बड़ा एलान कर दिया है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा है कि एमसीडी चुनाव के बाद अब दिल्ली में रहने वाले किरायेदारों को भी बिजली-पानी के कम दरों का फायदा मिलेगा.
इससे पहले केजरीवाल ने दिल्ली में रहने वाले लोगों के लिए हाउस टैक्स माफ करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि अगर दिल्ली एमसीडी में आम आदमी पार्टी की सरकार बनती है तो दिल्ली में हाउस टैक्स माफ कर दिए जाएंगे.
हाउस टैक्स माफ करने के केजरीवाल के एलान पर कई विपक्षी पार्टियों ने चुटकी ली थी. विपक्षी पार्टियों का कहना था कि दिल्ली एमसीडी संविधान में हाउस टैक्स पर कोई भी फैसला लिया ही नहीं जा सकता.
अरविंद केजरीवाल का किरायेदारों का बिजली-पानी में राहत देने वाली बात में भी कम पेंच नहीं है. अरविंद केजरीवाल ने अपने ट्वीट में ये नहीं बताया कि वह किरायदारों को किस तरह से राहत देंगे. दिल्ली के किरायेदार ज्यादातर दिल्ली के मकान मालिकों के इशारे पर चलते हैं. मकान मालिकों से बगावत मोल लेकर वह किरायेदार नहीं रह सकते हैं. ऐसे में अरविंद केजरीवाल के इस ट्वीट ने विपक्षी दलों के नेताओं को एक और मुद्दा दे दिया है.
दिल्ली में किरायेदरों की अच्छी खासी तादाद है. इसे ध्यान में रख कर अरविंद केजरीवाल ने यह एक बड़ा दांव चलाया है. एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में रहने वाला हर तीसरा शख्स किरायेदार के तौर पर रहता है.
पहले किरायेदारों के सामने बिजली मीटर लगवाते समय बड़ी समस्या डिस्कॉम में कई तरह के दस्तावेजों को जमा करने में आती थी. इसमें मकान मालिक की आईडी और ऑनरशीप की जरूरत पड़ती थी. इन कारणों से किरायेदार चाह कर भी बिजली का बिल नहीं बना पाते थे और मकान मालिक मनमाने तरीके से बिजली का बिल वसूला करते थे.
दिल्ली में सबसे ज्यादा किरायेदार पूर्वांचली माने जाते हैं. पूर्व के एमसीडी चुनावों में पूर्वांचली कांग्रेस और बीजेपी को ही वोट देते रहे हैं. लेकिन, पहली बार अरविंद केजरीवाल ने किरायेदारों के जरिए पूर्वांचली वोटरों पर एक बड़ा दांव आजमाया है.
एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में पूर्वांचल वोटरों की संख्या 90 लाख के आस-पास है. जिसमें 50 लाख से ज्यादा लोग मतदाता हैं. बाकी की आबादी के पास अपना मतदाता पहचान पत्र भी नहीं है. रेंट एग्रीमेंट नहीं होने या मकान मालिकों के सहयोग नहीं करने की स्थिति में इन लोगों को पहचान पत्र नहीं बना पाता है.