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एमसीडी चुनाव: लालू सहित बिहार के कई दिग्गज भी कूदेंगे दिल्ली के दंगल में

बिहार और पूर्वांचल के बड़े नेता दिल्ली में अपनी जमीन तलाशने में लग गए हैं

Amitesh

एमसीडी चुनाव में बिहार के क्षत्रप लालू यादव, नीतीश कुमार और रामविलास पासवान भी अपना दम-खम दिखाने की तैयारी में हैं. इन सबकी तैयारी है देश की राजधानी दिल्ली में अपनी धाक जमाने की.

लेकिन, सवाल है कि बिहार के सभी बड़े नेता दिल्ली में दस्तक देने की तैयारी क्यों कर रहे हैं. क्या दिल्ली के भीतर इनका कोई जनाधार है या फिर महज रस्मअदायगी के लिए ही चुनाव लड़ रहे हैं.


हकीकत तो यही है कि दिल्ली की आबादी में लगभग 30 से 40 लाख तक बिहारी और पूर्वांचल के मतदाताओं की तादाद है. इन सभी मतदाताओं को अलग-अलग दलों की तरफ से वोट बैंक के तौर पर इस्तेमाल भी किया जाता है.

लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त बिहार और पूर्वांचल के मतदाताओं ने आप के नेता अरविंद केजरीवाल को एकतरफा समर्थन देकर दिल्ली के तख्त पर बैठा दिया था. इसके बाद से ही बिहार और पूर्वांचल के बडे नेता दिल्ली में अपनी जमीन तलाशने में लग गए हैं.

लालू और लालू के लाल दिलाएंगे दिल्ली में जीत 

आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव भी बिहार में सत्ता में आने के बाद अब दिल्ली में अपनी हाजिरी लगाने की तैयारी में हैं. आरजेडी की नजर बुराड़ी, किराड़ी और पूर्वी दिल्ली के उन क्षेत्रों पर है जहां बिहारी मतदाताओं की तादाद सबसे ज्यादा है.

बिहार में दस साल का वनवास खत्म होने के बाद लालू यादव अब फिर से अपने पुराने अंदाज में नजर आ रहे हैं. लालू अपने इसी अंदाज की बदौलत एमसीडी चुनाव में अपनी पार्टी को मजबूत करने की कोशिश करेंगे.

आरजेडी के प्रधान महासचिव क़मर आलम ने फर्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया कि आरजेडी एमसीडी में करीब 100 सीटों पर अपना उम्मीदवार खड़ा करेगी. कमर आलम के मुताबिक, लालू  यादव के बेटे और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे. जबकि, पार्टी सुप्रीमो लालू यादव भी उन इलाकों में अपना दमखम दिखा सकते हैं जहां पार्टी की उम्मीदवारी मजबूत होगी.

नीतीश की भी दिल्ली में धमक देने की तैयारी

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी दिल्ली में जेडीयू की जमीन को मजबूत करने के लिए दो रैली करने वाले हैं. अगले 9 अप्रैल को उत्तरी और दक्षिण दिल्ली में एक-एक रैली के जरिए नीतीश कुमार दिल्ली के भीतर एमसीडी चुनाव में पार्टी की तैयारियों को रफ्तार देंगे.

हालाकि जेडीयू पूरी दिल्ली में जीत की कोशिश करने में लगी है, लेकिन, नीतीश की नजर उन क्षेत्रों पर है जहां बिहार के लोगों की तादाद सबसे ज्यादा है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और दिल्ली प्रभारी संजय झा लगातार एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं.

जेडीयू की तरफ से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने और प्रवासियों को दिल्ली के भीतर बिजली, पानी, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के मुद्दे को इस चुनाव में उठाने की तैयारी है.

मजेदार की बात ये है कि दिल्ली में दखल दे रहे लालू और नीतीश बिहार के भीतर एक साथ खड़े हैं लेकिन, दिल्ली के दंगल में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोंकते नजर आ रहे हैं.

क्या पासा पलट पाएंगे पासवान ?

बिहार के एक और बड़े कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान भी दिल्ली में दस्तक देने की तैयारी में हैं. पासवान बीजेपी के साथ एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन, अलग-अलग राज्यों में पार्टी का जनाधार बढ़ाने की इनकी कोशिश रहती है. अभी हाल ही में मणिपुर विधानसभा चुनाव में भी एलजेपी को एक सीट मिली थी जिसका विधायक अभी मणिपुर सरकार में मंत्री भी है.

अब दिल्ली में अपने जनाधार को बढाने की तैयारी में एलजेपी लगी है. एलजेपी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष संजय सिवाल ने फर्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया एमसीडी में अबतक विकास नहीं केवल भ्रष्टाचार होता रहा है. लिहाजा, हम विकास को मुद्दा बनाकर ही चुनाव मैदान में उतरेंगे.

एलजेपी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष और सांसद चिराग पासवान ने फर्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया कि एमसीडी चुनाव लड़ने का फैसला एलजेपी दिल्ली प्रदेश की टीम का है. चुनाव लड़ने के लिए पार्टी के दिल्ली के कार्यकर्ताओं का उत्साह और भारी दबाव था जिसके बाद एमसीडी चुनाव लड़ने का फैसला किया गया है.

लेकिन, अब दिल्ली के भीतर एलजेपी भी बिहारी वोटरों के भरोसे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश करेगी.

बिहारी मतदाताओं के दम पर दिल्ली में ताल ठोंकने वाले बिहार के इन दिग्गजों के लिए राहें इतनी आसान भी नहीं होने वाली हैं. क्योंकि बीजेपी ने भी पहले से ही भोजपुरी गायक बिहारी मनोज तिवारी के हाथों में कमान सौंपकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं.

इस सूरत में बिहार के दिग्गज अपने दावे से अपना दांव मजबूत करेंगे या फिर दूसरों का खेल खराब करेंगे, सबकी नजरें इसी पर होगी.