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एमसीडी चुनाव 2017: राजनीतिक अखाड़े में तब्दील होने वाली है दिल्ली

एमसीडी चुनावों के मद्देनजर सारी राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं

Ravishankar Singh

दिल्ली एमसीडी चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों में गर्माहट महसूस की जाने लगी है. खासकर कांग्रेस और बीजेपी के पार्टी ऑफिसों में टिकट मांगने वालों का तांता लगा हुआ है. जिस उम्मीदवार को टिकट मिलने की उम्मीद है, वह चुनाव जीतने की रणनीति पर बात करता है, और जिसकी पार्टी दफ्तर में पूछ नहीं होती, वह पार्टी और नेताओं को कोस रहा है.

एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी और योगेंद्र यादव की स्वराज इंडिया पार्टी ने लगभग सभी उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया है. वहीं बीजेपी और कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां अभी भी उम्मीदवारों के नामों पर फैसला नहीं कर पाई हैं.


बीजेपी ने अपने वर्तमान पार्षदों को टिकट नहीं देने का फैसला किया है. बीजेपी द्वारा वर्तमान पार्षदों को टिकट नहीं देने के फैसले का चौतरफा विरोध शुरू हो गया है. पार्टी के अंदर ही एक धड़े ने इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है.

बीजेपी के रुख से वर्तमान पार्षद खफा

बीजेपी के वर्तमान पार्षदों ने पार्टी के इस रुख से खफा होकर दूसरे दलों से संपर्क करना शुरू दिया है. बीजेपी के कई पार्षदों का कहना है कि पार्टी का यह फैसला आत्मघाती साबित होगा.

दूसरी तरफ बीजेपी के दिल्ली प्रभारी श्याम जाजू ने फर्स्ट पोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘पार्टी ने जो निर्णय कर लिया है उस पर अभी भी कायम है. हमलोग पुराने किसी भी एक पार्षद को टिकट नहीं देंगे. यह निर्णय काफी सोच समझ कर लिया गया है.’

श्याम जाजू आगे कहते हैं, ‘पार्टी जल्द ही नगर निगम चुनाव में अपने उम्मीदवारों का ऐलान करने जा रही है. पार्टी के अंदर उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा चल रही है. पार्टी के अंदर किसी भी तरह का विद्रोह नहीं है.’

जबकि, बीजेपी सूत्र के अनुसार पार्टी के भीतर भी इस फैसले को लेकर दोबारा से विचार की बात हो रही है. इसी वजह से उम्मीदवारों के नामों के ऐलान में देरी हो रही है. दिल्ली बीजेपी ऑफिस से पार्टी विरोधी गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कुछ पार्षदों को बाहर का रास्ता भी दिखाए जाने की खबर मिल रही है.

पूर्वांचली वोटरों पर सबका ध्यान

दिल्ली के पूर्वांचली वोटों पर टकटकी लगाए बैठीं बिहार की राजनीतिक पार्टियों की भी स्थिति कमोबेश यही है. बिहार की तीन क्षेत्रीय पार्टियां दिल्ली में एमसीडी चुनाव लड़ने जा रही हैं. कुछ पार्टियों ने जहां कुछ जगहों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए हैं तो कुछ अभी भी पशोपेश की स्थिति में हैं.

नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू भी ताल ठोंक कर खड़ी है. जेडीयू ने दिल्ली की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने अभी तक 28 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. अगले एक-दो दिन में कुछ और नामों का ऐलान किया जा सकता है.

पिछले साल दिल्ली के कॉस्टीट्यूशन क्लब में पूर्वांचलियों के एक सम्मेलन में नीतीश कुमार ने शिरकत की थी. इस सम्मेलन में नीतीश कुमार पर एमसीडी चुनाव लड़ने के लिए कार्यकर्ताओं ने काफी दबाव डाला था.

नीतीश कुमार ने कॉस्टीट्यूशन क्लब के मावलंकर हॉल में ही राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह और संजय झा को इसकी जिम्मेदारी दे दी. पिछले साल से ही संजय झा ने एमसीडी चुनाव के लिए दिल्ली में मैदान तैयार करने का काम शुरू कर दिया था.

जेडीयू नेता अफजल अब्बास फर्स्ट पोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘जेडीयू की ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी है. बिहार के सीएम नीतीश कुमार दो अप्रैल और 9 अप्रैल को दिल्ली आ रहे हैं. नीतीश कुमार दिल्ली में कई सभाएं करेंगे. हमलोगों का पर्वांचल वोटरों के साथ पंजाबी वोटरों पर नजर है.’

बीजेपी के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) भी दिल्ली में चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पिछले दिनों दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में केंद्रीय राज्य मंत्री और आरएलएसपी के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एमसीडी चुनाव में लड़ने का ऐलान किया था.

वहीं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी पहले से ही दिल्ली में काफी सक्रिय है. दिल्ली एलजेपी ने भी एमसीडी चुनाव में लड़ने का फैसला कर लिया है. पार्टी ने कुछ उम्मीदवारों का लिस्ट जारी भी कर दी है.

एलजेपी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष असीम खान फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘हमारी पार्टी ने अभी तक 45 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. पार्टी का दिल्ली पार्लियामेंट्री बोर्ड जल्द ही और नामों का ऐलान करने वाला है. पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी,  ये अभी तक तय नहीं हो पाया है.’

अमित शाह ने एक केंद्रीय टीम का गठन किया

यूपी, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में बीजेपी की सरकार बनने के बाद बीजेपी का पूरा फोकस दिल्ली के एमसीडी चुनाव पर लग गया है. बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एमसीडी चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय नेताओं की ही एक टीम तैयार की है. इसकी कमान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के हाथों में है. संजीव बालियान, जीतेंद्र सिंह और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे भी टीम का हिस्सा हैं.

कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए केजरीवाल ने लिखा पत्र

आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और गोवा में पार्टी की करारी हार से हताश कार्यकर्ताओं का पत्र लिख कर मनोबल बढ़ाने की कोशिश की है. अरविंद केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि गोवा और पंजाब में हार से परेशान होने की जरूरत नहीं है. फल मिलना अपने हाथ में नहीं होता है. आप लोग मेहनत करते रहिए.

कांग्रेस की प्रतिष्ठा भी दांव पर

कांग्रेस ने भी एमसीडी चुनाव को अपने प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है. दिल्ली विधानसभा में पार्टी का एक भी विधायक नहीं है. ऐसे में पार्टी अब एमसीडी चुनाव में जीत कर दिल्ली में अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश में लग गई है. पार्टी ने एमसीडी चुनाव को देखते हुए दिल्ली से बाहर के कांग्रेसी नेताओं को भी जिम्मेदारी देना शुरू कर दिया है.

कुल मिलाकर दिल्ली आने वाले कुछ दिनों में एक राजनीतिक अखाड़े में तब्दील होने वाली है. एमसीडी चुनाव की धमक धीरे-धीरे ही सही पर दिखनी शुरू जरूर हो गई है. राजनीतिक पार्टियों के द्वारा जिस तरह से माहौल बनाए जा रहा है, उससे साफ झलकता है कि इस बार का एमसीडी चुनाव पूर्व के चुनावों से कई मामलों में अलग होने वाला है.