दिल्ली की एक अदालत ने 2017 के नगर निगम चुनाव में आरएलडी के एक महिला उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप से बरी कर दिया है. वह महिला उम्मीदावर बिजली के खंभे पर अपना पोस्टर लगा रही थी. राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) की यह उम्मीदवार जैतपुर वार्ड से चुनाव लड़ रही थी.
मिल गई राहत
चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मुनीश मार्कन ने महिला उम्मीदवार को दिल्ली प्रतिबंध निरोधक संपत्ति (डीपीडीपी) अधिनियम के तहत आरोप से मुक्त कर दिया गया है. इस मामले में जांच अधिकारी ही शिकायतकर्ता था.
महिला पर आरोप था कि वह अपना पोस्टर बिजली के खंभे पर लगा रही थी. जो सरकारी संपत्ति के दायरे में आती है.
अदालत ने क्या कहा?
महिला को आरोप से बरी करते हुए अदालत ने कहा, ‘कानून के मुताबिक इस मामले में जांच अधिकारी को शिकायतकर्ता नहीं होना चाहिए था ताकि आरोपी के खिलाफ कोई भी उसके पक्ष में रवैया ना हो’ अदालत ने ये भी कहा कि इस बात के सबूतों की कमी है कि अपराध के समय घटनास्थल पर पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
सब इंस्पेक्टर के दर्ज शिकायत के मुताबिक, इस साल 11 अप्रैल को जैतपुर के एनटीपीसी मैदान के पास एक बिजली के खंभे पर आरएलडी की महिला उम्मीदवार के तीन पोस्टर चिपके पाए गए जिन पर 23 अप्रैल को होने वाले दिल्ली नगर निगम के चुनावों के लिए वोटों की अपील की गई थी.
डीपीडीपी अधिनियम की धारा 3 के तहत इस अपराध के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की. इस कानून के तहत लिखकर या स्याही से अंकित कर, चॉक, पेंट या किसी अन्य चीज से संपत्ति के मालिक के नाम और पते के अलावा किसी भी कारण के लिए सार्वजनिक संपत्ति को खराब करने पर एक साल की जेल की सजा या 50,000 रुपए तक का जुर्माना या दोनों हो सकता है.
महिला ने इन आरोपों से इनकार किया था और उन्होंने दावा किया था कि वे निर्दोष हैं क्योंकि उन्होंने खंभे पर कोई पोस्टर नहीं चिपकाया है.