यूपी और उत्तराखंड की ऐतिहासिक जीत के बाद भी बीजेपी दिल्ली के स्थानीय निकाय के चुनाव को हल्के में लेने की भूल नहीं करना चाहती. बीजेपी को अभी भी दिल्ली विधानसभा चुनाव की बड़ी हार सता रही है.
तभी तो पार्टी ने यूपी और उत्तराखंड की जीत के सूत्रधार कार्यकर्ताओं को दिल्ली में एमसीडी चुनाव में उतारने का फैसला किया है.
अपना बूथ सबसे मजबूत के नारे के सहारे बीजेपी ने यूपी और उत्तराखंड में हर बूथ पर 25 युवा कार्यकर्ताओं की पूरी टीम खड़ी कर दी थी. मतदाताओं को उनके घरों से बाहर निकाल कर पोलिंग बूथ तक ले जाने की कोशिश इतनी रंग लाई कि पार्टी ने अबतक के सारे रिकॉर्ड ही तोड़ डाले. इस रणनीति के तहत बूथ पर काम करने वाले पार्टी के एक कार्यकर्ता पर 100 घरों के लोगों को बूथ तक लाने की जिम्मेदारी दी गई है.
अब इसी फॉर्मूले को दिल्ली में भी उतारने की पूरी तैयारी है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी फतह करने वाली टीम के करीब 450 जमीनी कार्यकर्ताओं को एमसीडी चुनाव के लिए उतार दिया है. इस पूरी टीम का सूत्रधार अशोक मोंगा को माना जा रहा है.
बूथ मैनेजमेंट पर जोर
दिल्ली बीजेपी दफ्तर में इस टीम में अशोक मोंगा के अलाव कुछ और पार्टी के कार्यकर्ता हैं जो लगातार अपनी रणनीति को अंजाम दे रहे हैं.
दिल्ली में एमसीडी में 272 वार्ड हैं, जहां बीजेपी चुनाव लड़ रही है. इस तरह हर वार्ड पर बीजेपी की तरफ से दो ऐसे कोर रणनीतिकार तैयार किए गए हैं जो कि हर क्षेत्र के लिए चक्रव्यूह रचने का काम कर रहे हैं.
इन लोगों पर इस बात की जिम्मेदारी है कि हर वार्ड के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर उस क्षेत्र में पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की एक टीम तैयार करें जो कि मतदाताओं को घर से बाहर निकाल कर बूथ तक लेकर जाएं.
टीम अमित शाह का सबसे ज्यादा जोर बूथ मैनेजमेंट पर ही रहता है. यूपी चुनाव के दौरान भी अमित शाह की तरफ से बूथ स्तर के कार्यक्रम पर सबसे ज्यादा फोकस किया गया था, जिसमें पार्टी पदाधिकारी अलग-अलग जगहों पर जाकर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को बूथ मैनेजमेंट के गुर सिखाते रहे थे.
अब एमसीडी चुनाव में फिर से उसी रणनीति को अंजाम दिया जा रहा है. इसके लिए यूपी वाली उसी टीम को लगाया गया है.