राज्य चुनाव आयोग को मंगलवार को कोर्ट की नाराजगी का समना करना पड़ा. हाल ही में हुए एमसीडी चुनाव में दक्षिण दिल्ली के वार्ड से बीजेपी की एक उम्मीदवार के निर्वाचन को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी की याचिका पर सुनवाई हो रही थी. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में ‘सख्ती समय सारणी’ का पालन किया जाना चाहिए.
जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशा मेनन ने चुनाव आयोग और अनीता तंवर के वकील को छह जुलाई तक जवाब दाखिल करने का समय देते हुए कहा, ‘हमें एक समय सारणी चाहिए और उसका सख्ती से पालन होना चाहिए.’ अनीता तंवर छतरपुर के वार्ड 70-एस से जीती थी.
पिंकी महज दो वोटों से हारी हैं
कार्यवाही के दौरान राज्य चुनाव आयोग और तंवर ने आप की नेता पिंकी त्यागी की याचिका पर जवाब देने के लिए समय मांगा था. पिंकी बीजेपी की उम्मीदवार से दो वोटों से हार गई थी. जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगते हुए आयोग और तंवर ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में सुधार के लिए अर्जी दायर की है, इसलिए उसका जवाब देने की प्रक्रिया चल रही है.
पिंकी त्यागी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील विवेक सूद ने कहा कि चूंकि पिंकी महज दो वोटों से हारी हैं, इसलिए कार्यवाही को गति प्रदान की जानी चाहिए.
अदालत ने इससे पहले बीजेपी की उम्मीदवार को पार्षद के तौर पर शपथ लेने से रोकने से इनकार कर दिया था. अदालत ने कहा था कि उसकी जीत के खिलाफ प्रथम दृष्ट्या कोई मामला नहीं बनता.
कोर्ट ने कहा था कि बीजेपी की उम्मीदवार के शपथ लेने से आप की उम्मीदवार को कोई अपूर्णनीय क्षति नहीं होगी और उसके पास अपना पक्ष रखने का पूरा अवसर होगा.
अदालत ने कहा था कि याचिका में मतदाता सूची में एक नाम कई बार होने और डाक मतपत्रों से वोट डालने जैसे जो मुद्दे उठाए गए हैं, उनकी जांच की आवश्यकता है.