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मायावती का आरोप: बीजेपी ने मेरी हत्या की रची थी साजिश

जातीय संषर्घ भड़काया गया ताकि इसके बाद मायावती आएगी और भाषण देगी. मेरे रहते हुए खूनी संघर्ष हो जाएगा और दलितों के साथ-साथ मेरी हत्या भी कर दी जाएगी

Bhasha

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया है. मायावती ने कहा सहारनपुर घटना की आड़ में बीजेपी ने उनकी हत्या की साजिश रची थी. इसीलिए सहारनपुर में मामूली विवाद को जातीय संघर्ष का रूप दे दिया गया था.

मायावती ने आरोप लगाया, ‘जातीय संषर्घ भड़काया गया ताकि इसके बाद मायावती आएगी और भाषण देगी. मेरे रहते हुए खूनी संघर्ष हो जाएगा और दलितों के साथ-साथ मेरी हत्या भी कर दी जाएगी.’ उन्होंने कहा कि इस तरह बीएसपी को ‘दफन करने की साजिश रची गई’ थी.


उन्होंने कहा कि ईवीएम को लेकर हमारे आरोपों से लोगों का ध्यान हटाने और सियासी फायदे के लिए सहारनपुर में जातीय दंगे कराए गए.

बीएसपी प्रमुख सोमवार को बरेली में पार्टी के तीन मंडलों के महासम्मेलन को संबोधित कर रही थीं. महासम्मेलन में 71 विधानसभा क्षेत्रों के कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद थे.

मायावती ने बीजेपी पर यह भी आरोप लगाया कि उसने लोकसभा और यूपी विधानसभा चुनाव में ईवीएम मशीन में गड़बड़ी कर के चुनाव जीता है. बीएसपी कार्यकर्ताओं ने इसके खिलाफ राज्य के जिला मुख्यालयों पर 11 अप्रैल को धरना-प्रदर्शन भी किया था. ईवीएम गड़बड़ी को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट गए, तो बीजेपी ने इससे ध्यान हटाने के लिए एक सोची-समझी साजिश के तहत सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दंगा करा दिया.

दलितों के शोषण की वजह से राज्यसभा से इस्तीफा दिया

मायावती ने दावा किया, ‘सहारनपुर में दलितों का शोषण हुआ. 18 जुलाई को राज्यसभा में उन्हें इस मुद्दे पर सत्ता पक्ष ने बोलने नहीं दिया. इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है. यही वजह है कि मैंने राज्यसभा सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया.’

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर को भी दलितों और आदिवासियों के हक में कानून मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. मायावती ने आरोप लगाया कि प्रमोशन में आरक्षण का मामला अभी तक लटका हुआ है. इसी तरह प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का मामला भी लंबित है. उन्होंने आरोप लगाया, ‘दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बीजेपी ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया.’

उन्होंने दावा किया कि बीएसपी के दवाब के चलते कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव में दलित को प्रत्याशी उतारना पड़ा.

मायावती ने कहा कि चुनावों के वक्त बीजेपी ने वादा किया था सरकार बनने के बाद किसानों का सभी कर्ज माफ किया जाएगा. सरकार बनने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘एक लाख का कर्ज माफ करेंगे लेकिन इसके बाद सरकार ने किसानों का एक रुपया और दो रुपया माफ किया. यह किसानों के साथ धोखा नहीं तो क्या हैं?’