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'LG और बीजेपी के इशारे पर पलटा गया मैक्स का लाइसेंस रद्द करने का आदेश'

दिलीप पांडे ने कहा कि आम आदमी की अपीलेट अथॉरिटी तक पहुंच नहीं होती है, वहां कौन लोग बैठे हैं जिनका मन इन लापरवाह अस्‍पताल वालों के साथ है, लेकिन उस परिवार के साथ नहीं जिन्होंने अपना बच्चा खोया है

FP Staff

दिल्ली के शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल के लाइसेंस निरस्तिकरण का मामला राजनीतिक रण में बदल गया है. इस मामले पर सबसे पहले दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल पर सांठगांठ का आरोप लगाया और सवाल किया कि कितने में डील हुई है? अब इस मामले पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और एलजी पर पलटवार किया है.

आम आदमी पार्टी के दिलीप पांडे और सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तो लाइसेंस रद्द करने का फैसला ले ही लिया था. लेकिन बीजेपी के इशारे और एलजी के आदेश पर इस पर स्टे लगाया गया है. दिलीप पांडे ने कहा कि आम आदमी की अपीलेट अथॉरिटी तक पहुंच नहीं होती है, अथॉरिटी में ऐसे कौन लोग बैठे हैं, जिनका मन इन लापरवाह अस्‍पताल वालों के साथ है, लेकिन उस परिवार के साथ नहीं जिन्होंने अपना बच्चा खोया है.


दिलीप ने आगे कहा कि बड़ा सवाल यह है कि अथॉरिटी खुद फैसला कर रही है या किसी के दवाब में फैसले ले रही है. बीजेपी ध्‍यान भटकाने के लिए आम आदमी पार्टी पर आरोप मंढ़ रही है, जबकि अपीलेट अथॉरिटी ने यह फैसला बीजेपी के दवाब में लिया है. उन्‍होंने कहा कि दिल्‍ली सरकार जब भी कोई ठोस कदम उठाने की कोशिश करती है, एलजी और बीजेपी के माध्‍यम से भ्रष्‍ट लोग राहत पा जाते हैं. यहां भी बीजेपी और एलजी ने फैसले को पलटने में मदद की है.

मनोज तिवारी ने केजरीवाल पर लगाए थे सांठगांठ के आरोप

बुधवार को इस मामले पर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने सवाल उठाए. तिवारी ने ट्वीट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर सांठगांठ करने के आरोप लगाए.

तिवारी ने ट्वीट कर अरविंद केजरीवाल से पूछा है कि कितने की डील हुई मालिक? साथ ही उन्‍होंने कहा कि जिस चीज की शंका थी वही हुआ लेकिन उन्‍हें कोई आश्‍चर्य नहीं क्‍योंकि दिल्‍ली सरकार का यही चरित्र है. उन्‍होंने बताया कि मनीष सिसोदिया के मंत्रालय वाले फाइनेंस कमिश्‍नर ने लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर स्‍टे लगा दिया है.

अस्पताल ने जिंदा नवजात को किया था मृत घोषित

बता दें कि मैक्स अस्पताल के लाइसेंस रद्द पर रोक के बाद बुधवार से कामकाज शुरू हो गया है. इस अस्पताल द्वारा जिंदा बच्चे को मृत घोषित करने के मामले के तूल पकड़ने के बाद अस्पताल का लाइसेंस रद्द किया गया था. हालांकि दोबारा कामकाज शुरू होने पर अस्पताल का कहना है कि वित्त आयुक्त अदालत द्वारा मंगलवार को दिल्ली सरकार के 8 दिसंबर के आदेश पर रोक लगाने के बाद अस्पताल ने कामकाज करना शुरू कर दिया है.

अस्पताल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, हम अपने सभी मरीजों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने और समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के लिए निशुल्क इलाज सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.

अस्पताल ने अपीलीय प्राधिकरण से लाइसेंस रद्द से रोक हटाने की अपील की थी. दिल्ली सरकार ने आठ दिसंबर को 250 बिस्तरों वाले मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया था. सरकार ने यह कदम चिकित्सकों द्वारा 30 नवंबर को जिंदा नवजात को मृत बताने के मामले के उजागर होने के बाद उठाया था.