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शहीद के परिवार ने लौटाई 'सरकारी मदद', शराब पीकर नहीं मरा मुजाहिद

परिवार का कहना है कि मुजाहिद शराब पीकर नहीं मरा लिहाजा उन्हें इतनी छोटी रकम की जरूरत नहीं है

FP Staff

जम्मू के सुंजवान कैंप में आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए सीआरपीएफ जवान मुजाहिद खान के परिजनों ने बिहार सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता की राशि को ठुकरा दिया है. मुजाहिद के अंतिम संस्कार के वक्त जिला प्रशासन की तरफ से उनके भाई इम्तियाज को जिला प्रशासन की तरफ से पांच लाख रुपये का चेक सौंपा गया, जिसे उन्होंने लौटा दिया.

क्या है शिकायत?


इम्तियाज़ ने बेहद शिकायती लहजे में कहा, 'मेरा भाई शराब पीकर नहीं मरा है, बल्कि शहीद हुआ है. ऐसे में इतनी छोटी सी सरकारी मदद की कोई जरूरत नहीं है.'

इम्तियाज़ के मुताबिक उसके परिवार को ऐसी मदद मिलनी चाहिए, जिससे बूढ़े मां-बाप के साथ-साथ शहीद के परिवार का भी भरण-पोषण हो सके.

क्या है मामला?

बिहार में हादसे या किसी आपदा में मौत होने पर भी सरकार की तरफ से पीड़ित परिवार को चार लाख रुपए की मदद दी जाती है. पीरो का लाल मुजाहिद आतंकियों से लोहा लेते हुए जम्मू में शहीद हुआ था, ऐसे में इस राशि पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं.

मुजाहिद खान को आरा के पीरो में बुधवार को सुपुर्द ए खाक़ किया गया. इस दौरान उसके जनाजे में बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. हालांकि इस जनाजे में नीतीश सरकार के किसी मंत्री के शामिल नहीं होने को लेकर भी सवाल उठ रहा है.

ऑल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असुदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर सवाल किया, 'बिहार के पीरो जिले में रहने वाले सीपीआरपीएफ के शहीद जवान मुजाहिद खान के परिवार से मिलने नीतीश कुमार का एक भी मंत्री नहीं आया.'

इससे पहले मुजाहिद का पार्थिव शरीर जब मंगलवार शाम पीरो पहुंचा, तो वहां उन्हें सलाम करने युवाओं की भीड़ जमा थी. ऐसे लग रहा था कि पूरा शहर ही सड़क पर उतर आया है, जहां हाथों में तिरंगा लिए सैकड़ों युवाओं मुजाहिद की बहादुरी के सम्मान में नारे लगाते रहे.