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RJD के ज्यादातर नेता और कार्यकर्ता तेजप्रताप यादव के ‘तलाक बम’ में राजनीतिक फायदा देख रहे हैं

राष्ट्रीय जनता दल का प्रथम परिवार ‘लापता’ तेजप्रताप यादव को लेकर बहुत चिंतित है.

Kanhaiya Bhelari

राष्ट्रीय जनता दल का प्रथम परिवार ‘लापता’ तेजप्रताप यादव को लेकर बहुत चिंतित है. साथ ही ‘कृष्णावतार’ द्वारा छोड़े गए ‘तलाक बम’ ने लालू यादव के परिवार के सारे सदस्यों को पिछले एक सप्ताह से मानसिक रूप से परेशान कर रखा है. लेकिन, चुनावी महाभारत की तैयारी में चौबीसों घंटे खटने वाले पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच इस पारिवारिक प्रकरण का निगेटिव और पॉजिटिव दोनों तरह का असर देखने को मिल रहा है.

आरजेडी के जन्म के समय से ही लालटेन हाथ में लेकर घूम रहे एक नेता ने बताया, ‘तेजप्रताप यादव की बचकानी हरकत पार्टी को राजनीतिक रूप से घायल करेगी. हमलोग 2019 महाभारत की जंग में दुश्मन पर फतेह हासिल करने के लिए चक्रव्यूह की रचना करने में मशगूल हैं. दूसरी तरफ हमारे नेता के बड़े साहबजादे उस जंगी तैयारी को चकनाचूर करने पर आमादा हैं’. आरजेडी के एक तेज तर्रार प्रवक्ता का कहना है कि ‘तलाक बम को जल्दी से डिफ्यूज नहीं किया गया तो यह हमारे वोट बैंक पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा’.


वैसे आरजेडी के बहुसंख्यक नेताओं का मानना है कि तेजप्रताप यादव की गुस्ताखी और ‘गुमनामी’ तेजस्वी यादव को राजनीतिक प्लेटफॉर्म पर मजबूत बनाने का काम कर रहे हैं. ऐसे विचार के पोषक एक नेता ने जोर देकर कहा कि ‘हमारी जनता धीरे-धीरे इस बात को समझने लगी है कि लालू यादव का बड़ा बेटा हर कार्य के लिए नाकाबिल है, जबकि छोटे बेटे में पिता की विरासत और बिहार का तख्त संभालने का माद्दा और योग्यता है’.

प्रमाणिक तौर पर अपनी अटपटे कामों से तेजप्रताप यादव कई बार आरजेडी नेतृत्व की किरकिरी करा चुके हैं. पिछले तीन सालों में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने अपने अनाप-शनाप बयानों से दर्जनों बार लालू यादव को परेशानी में डाला है.

आरजेडी के एक विधायक का कहना है, ‘हम लोग ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि तेजप्रताप यादव सही में राजनीति से संन्यास लेकर वृंदावन में बस जाएं. हमलोग उनकी इस तरह की हरकतों से परेशान हो गए हैं. कभी-कभी तो वो हमलोगों को नकिया देते हैं.’ मिथिलांचल प्रक्षेत्र के एक दूसरे विधायक का आकलन है कि ‘तेजप्रताप यादव की हरकतों पर सही में अंकुश लग जाए या वो सुधर जाएं तो आरजेडी 2020 में अपने बूते बिहार में सरकार बना लेगी.’

बहरहाल, ‘तलाक बम’ से उपजे हालात ने लालू यादव के तन-मन पर कैसा प्रभाव डाला है? इसको समझने के लिए महाभारत के अरण्यक पर्व में यक्ष और युद्धिष्ठिर के बीच संवाद, जिसे यक्ष प्रश्न के नाम से जाना जाता है, की ओर ले चलता हूं.

कथा के अनुसार जब पांडव 12 वर्ष के वनवास के दौरान भटक रहे थे तो जोर की प्यास लगती है. जल की खोज में पांडव बारी-बारी से सरोवर के किनारे जाते हैं. यक्ष के मना करने के बावजूद जल को ग्रहण करते हैं जिससे उनकी मृत्यु हो जाती है. अंत में युधिष्ठिर प्रश्नों का जवाब देकर वरदान स्वरूप अपने भाइयों को जीवित करवाते हैं.

यक्ष द्वारा पूछे गए कुल 33 प्रश्नों में एक था ‘मनुष्य की आत्मा क्या है?’ युधिष्ठिर का जवाब था ‘पुत्र’. सामाजिक मान्यता के अनुसार बड़ा पुत्र पिता का एवं छोटा बेटा माता के निकट माना जाता है. कहते हैं कि पिछले 2 नवंबर को रांची में पिता पुत्र मैराथन वार्तालाप के दौरान लालू यादव ने अपनी आत्मा यानी तेजप्रताप यादव को बताया कि ‘तुम्हारे इस एक्शन से तुमको, हमको, परिवार को, कुटुम्ब को तथा पार्टी को केवल घाटा ही घाटा है. समाज में बदनामी होगी. नाक कट जाएगी’.

कहते हैं कि जब तेजप्रताप यादव ने दृढ़ता भरे लहजे में कहा कि वो किसी भी सूरत में तलाक की अर्जी कोर्ट से वापस नहीं लेंगे तब आरजेडी चीफ लालू यादव भावुक हो गए. बिहार के पूर्व सीएम ने लड़खड़ाती आवाज में कहा ‘तुम्हारी जो मर्जी है वो करो. लेकिन भविष्य में कभी मुझसे बात मत करना’. पिता के कड़े रुख ने तेजप्रताप यादव को दिल से हिला दिया है. अब उन्हें सूझ ही नहीं रहा है कि क्या करें और क्या न करें. क्योंकि वो जानते हैं कि जिंदगी के इस मुकाम पर उनको पिता की जरूरत है.

रांची अस्पताल में पड़े लालू यादव डिजिटल जुगाड़ से अपनी आत्मा की हर मूवमेंट के पल-पल की जानकारी कलेक्ट कर रहे हैं. साथ ही अपने आराध्य देव कृष्ण से निवेदन भी कर रहे होंगे, ‘हे वासुदेव मेरे पुत्र को सन्मति दें’.