मनोहर पर्रिकर के कार्यालय ने उनके रक्षा मंत्री का पद छोड़कर गोवा लौटने से जुड़ी टिप्पणी को स्पष्ट करते हुए शनिवार को कहा कि उनके इस कदम का कश्मीर जैसे कुछ प्रमुख मुद्दों के दबाव से कोई लेना देना नहीं है.
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कश्मीर मुद्दे को लेकर स्थानीय भाषा में मुख्यमंत्री की टिप्पणी उनके गोवा के मुख्यमंत्री बनने से किसी भी तरह से जुड़ी नहीं है जो कि गठबंधन के सहयोगियों की मांग के कारण स्थिति की जरूरत को देखते हुए किया गया.’
खबरों के अनुसार पर्रिकर ने शुक्रवार को यहां एक कार्यक्रम में कहा था कि कश्मीर जैसे कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों का दबाव उनके रक्षा मंत्री का पद छोड़ने और तटीय राज्य लौटने के कारणों में से एक था. सीएमओ ने इसी आलोक में अपना बयान जारी किया.
सीएमओ ने कहा, ‘माननीय मुख्यमंत्री ने भाषण में संकेत दिया था कि संवेदनशील मुद्दा होने के नाते कश्मीर मामले से एक दीर्घकालीन नीति संरचना के जरिए निपटा जाना चाहिए.’