गोवा की मनोहर पर्रिकर सरकार में गठबंधन की साथी महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) ने शनिवार को कहा कि 'अब वक्त आ गया है' कि मुख्यमंत्री राज्य में अपनी गैरमौजूदगी के दौरान सबसे वरिष्ठ मंत्री को प्रभार सौंपे.
पर्रिकर को शनिवार को इलाज के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ले जाया गया. बीजेपी के सूत्रों के मुताबिक एम्स में दोपहर में उनकी बहुत तरह की जांच कराई जाएगी.
पर्रिकर का पैनक्रियाज (अग्नाश्य) की बीमारी का इलाज चल रहा है. इस साल की शुरुआत में उनका अमेरिका में तीन महीने तक इलाज चला था. अपनी गैरमौजूदगी के दौरान राज्य को चलाने के लिए उन्होंने एक मंत्रिमंडलीय सलाहकार समिति का गठन किया था.
गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और अन्य निर्दलीय विधायकों के अलावा एमजीपी ने अपने तीन विधायकों के साथ राज्य में सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन दिया था.
शनिवार सुबह संवाददाताओं से बात करते हुए एमजीपी अध्यक्ष दीपक धावलीकर ने कहा, '
अब समय आ गया है कि पर्रिकर सरकार के सुचारू कामकाज के लिए वरिष्ठतम मंत्री को प्रभार सौंपे.'
उन्होंने कहा कि पिछले आठ महीनों में सरकार सुचारू ढंग से काम नहीं कर पाई है. पर्रिकर मुख्यमंत्री बने रहें और अपनी अनुपस्थिति में किसी और को प्रभार सौंप दें.
वरिष्ठतम सदस्य कौन है ये पर्रिकर तय करें:
उनसे जब पूछा गया कि क्या वह चाहते हैं कि उनके बड़े भाई और एमजीपी नेता सुदीन धावलीकर को प्रभार सौंपा जाए तो उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता.. उन्हें बताने दें कि कौन सबसे वरिष्ठ है. मैं बस इतना कह रहा हूं कि जिसको भी प्रभार सौंपा जाए वह वरिष्ठतम होना चाहिए. उन्हें ही बताने दें कि कौन सबसे वरिष्ठ है.'
पर्रिकर मंत्रिमंडल में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री सुदीन धावलीकर सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं.
एमजीपी अध्यक्ष ने भाजपा के साथ पार्टी के विलय की किसी भी संभावना से इंकार किया है.