मणिपुर सरकार ने कहा कि राज्य का एक प्रतिनिधिमंडल केंद्र और एनएससीएन (आईएम) के बीच चल रही शांति वार्ता के मद्देनजर पीएम मोदी से मिलेगा. यह राज्य की क्षेत्रीय अखंडता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के उद्देश्य से उनसे मिलने जाएगा.
इंफाल में रविवार को एक सरकारी बयान में बताया गया है कि मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक में इस आशय का फैसला किया गया.
बैठक में विभिन्न दलों ने प्रधानमंत्री को एक ज्ञापन सौंपने के लिए 5-7 सदस्यीय एक टीम राष्ट्रीय राजधानी भेजने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री टीम के सदस्यों को नामित करेंगे.
मणिपुर की अखंडता पर होगा जोर
इस ज्ञापन में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे को प्रमुखता से रखा जाएगा और केंद्र से नगा वार्ता की प्रमुख बातों से यथाशीघ्र अवगत कराने की अपील की जाएगी.
बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीआई, जेडीयू, एनसीपी, मणिपुर नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी और अन्य दलों के प्रतिनिधियों में मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए अपने अपने केंद्रीय नेताओं से भी संपर्क करने पर सहमति बनी.
बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार के घटक नगा पीपुल्स फ्रंट ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया. उसने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि वह नगा बहुल क्षेत्रों का एकीकरण कर उन्हें एक प्रशासन तले लाने के पक्ष में है.