असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) ड्राफ्ट मुद्दे पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ममता का दिया 'गृह युद्ध' बयान और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की टीम को पूर्वोत्तर राज्य भेजने के पीछे एनआरसी प्रक्रिया को अस्थिर करने की खतरनाक साजिश थी.
ममता बनर्जी ने अंतिम एनआरसी ड्राफ्ट की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए पिछले दिनों यह आरोप लगाया था कि केंद्र 'वोट बैंक और फूट डालो और शासन करो की नीति’ पर चल रहा है. उन्होंने यह भी आरेाप लगाया था कि 40 लाख से अधिक लोगों को रजिस्टर से बाहर करने के पीछे उनकी साजिश 'असम से बंगालियों को बाहर करना है'. यह भारतीय नागरिक एक झटके में 'अपनी ही धरती पर शरणार्थी' हो गए हैं.
असम के मुख्यमंत्री के कार्यालय की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने बराक घाटी के लोगों को इसके लिए धन्यवाद दिया कि उन्होंने एक 'अनुकरणीय धैर्य' प्रदर्शित किया और 'बाहरी ताकतों के विभाजनकारी षड्यंत्र में नहीं फंसे.'
राज्य के नागरिकों को मुख्यमंत्री का धन्यवाद
बयान में कहा गया कि सोनोवाल ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के नाम पर शांतिपूर्ण माहौल खराब करने की बाहरी ताकतों के कथित प्रयास की निंदा की. साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भड़काऊ टिप्पणी और समाज का ध्रुवीकरण करने की खतरनाक साजिश के तहत बराक घाटी में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के उनके निर्णय के मद्देनजर असम के लोगों, विशेष तौर पर बराक घाटी लोगों के संयम और धैर्य की प्रशंसा की.
मुख्यमंत्री सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को अद्यतन करने की शुरूआत से ही कुछ निहित हित वाले बराक और ब्रह्मपुत्र घाटी, पर्वतीय और मैदान के लोगों के बीच सदियों पुरानी एकता के प्रतिकूल टिप्पणी कर के प्रक्रिया को अस्थिर करने पर तुले हुए थे.
उन्होंने असम के बांग्ला भाषी लोगों और असम के विभिन्न संगठनों को भी धन्यवाद दिया कि उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के 'राज्य में ध्रुवीकरण' करने की योजना के खिलाफ स्पष्ट रूप से अपना विरोध दर्ज कराया.