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मैं उम्मीदवार: इटवा (सिद्धार्थ नगर) से समाजवादी प्रत्याशी माता प्रसाद पांडेय की बात

रोजगार बढ़ाने पर होगा जोर

Mata Prasad Pandey

जिस विधानसभा से मैं चुनाव लड़ता हूं वह एक मुस्लिम बाहुल्य विधानसभा है. यहां से बहुत से मुस्लिम युवक कमाने गल्फ देशों में या मुंबई जाते हैं. इस वजह से मेरा इस बार जीतने पर ये खास प्रयास रहेगा कि अपने विधानसभा क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की व्यवस्था की जाए. इसके लिए यहां पर नई कंपनिया खोलने के काम भी किए जा सकते हैं.

जनसंपर्क के दौरान माताप्रसाद पांडेय


दूसरी एक बात मेडिकल कॉलेज खुलवाने को लेकर भी है. पिछली विधानसभा में हमने यहां एक अस्पताल को अपग्रेड करवाया था. लेकिन मेडिकल कॉलेज खुलवाने तमन्ना मन में ही रह गई.

मैं 1991 में यूपी का स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुका हूं. इसलिए मेरी यह इच्छा है कि मैं अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए एक मेडिकल कॉलेज खुलवा सकूं. इसका कारण यह है कि अगर एक जिले में एक मेडिकल कॉलेज खुल जाता है तो वहां के इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने में बहुत आसानी होती है.

हां, मैं ये बताना चाहूंगा कि शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है. मैंने अपने जिले में एक विश्वविद्यालय खुलवाया जिससे यहां के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. एक यूनिवर्सिटी खुल जाने से न सिर्फ शैक्षिक वातावरण बेहतर बनता बल्कि आस-पास के भी कई जिले के विद्यार्थियों के लिए सहूलियत हो जाती है.

मैंने अपने विधानसभा क्षेत्र के लिए लोगों के लिए हमेशा विकास को सर्वोपरि समझा है. शायद इसी वजह से यहां कि जनता ने मुझे 6 बार विधायक बनाया.

रोजगार के लिए भी मैंने काफी काम किया है लेकिन अभी और काम करना है जिससे मेरे विधानसभा की जनता को सभी सुविधाएं यहां रहते हुए मिले. मैं सोशलिस्ट नेता हूं और मेरे विकास की परिधि में समाज के सबसे नीचे तबके लोग पहले आते हैं. डॉ. लोहिया जिस राजनीति को करते थे उसी को आगे बढ़ाने का काम समाजवादी पार्टी कर रही है.

इसके अलावा अगर लोकल स्तर पर बात करेंगे तो पुल और नालों के गहरीकरण जैसे कई काम किए गए हैं. लोकल स्तर पर भी कामों में और तेजी लाई जाएगी.

(लेखक समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हैं. ये उनके निजी विचार हैं. आलेख में दी गई जानकारी और व्यक्त किये विचारों के प्रति फ़र्स्टपोस्ट उत्तरदायी नहीं है. आलेख को ज्यों का त्यों प्रकाशित किया गया है.फर्स्टपोस्ट का लेखक के विचारों से कोई लेना-देना नहीं है.)