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Madhya Pradesh Election Results: एक सीट जहां हमेशा 'जीतू' को ही मिलती है जीत

राऊ सीट के मतदाताओं ने अब तक हुए तीनों चुनावों में 'जीतू' नाम के उम्मीदवार पर ही भरोसा जताया है

Bhasha

यूं तो भारतीय चुनाव ही बड़ी दिलचस्प चीज है, लेकिन इससे जुड़ी कई कहानियां भी कम मजेदार नहीं हैं. इधर-उधर जरा पता लगाकर देख लीजिए कोई न कोई रोचक कहानी निकलकर आ ही जाएगी.

इसी तरह की कुछ कहानी है मध्य प्रदेश के इंदौर जिले की राऊ विधानसभा सीट की. यहां पिछले तीन विधानसभा चुनावों से लगातार जीतू नाम का ही उम्मीदवार जीतता आ रहा है. इस विधानसभा चुनाव में भी जनता ने अपने इस इतिहास को बरकरार रखा है.


मतदाताओं ने मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को जितवाया है. जीतू पटवारी ने ने इस सीट पर वरिष्ठ बीजेपी नेता मधु वर्मा को 5,703 वोट के नजदीकी अंतर से शिकस्त दी.

बेहद उतार-चढ़ाव भरे चुनावी मुकाबले में पटवारी ने 1,07,740 मत हासिल किये, जबकि वर्मा के हिस्से में 1,02,037 वोट आए. इस सीट पर 2,475 मतदाताओं ने नोटा के विकल्प का इस्तेमाल किया. यानी उन्होंने इस सीट से चुनाव लड़ने वाले कुल 10 उम्मीदवारों में से किसी को भी अपने मत के योग्य नहीं माना.

वर्ष 2008 के विधानसभा चुनावों से पहले किए गए परिसीमन से वजूद में आई राऊ सीट पर हुआ पहला चुनाव बीजेपी नेता जीतू जिराती ने जीता था. तब उन्होंने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस उम्मीदवार जीतू पटवारी को 3,821 मतों के अंतर से हराकर इस सीट से पहला विधायक चुने जाने की उपलब्धि हासिल की थी.

बहरहाल, साल 2013 के पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के जीतू पटवारी ने बीजेपी के जीतू जिराती को 18,559 मतों से हराकर पुराना हिसाब चुकता कर लिया था.

यानी राऊ सीट के मतदाताओं ने अब तक हुए तीनों चुनावों में 'जीतू' नाम के उम्मीदवार पर ही भरोसा जताया है.

जीतू पटवारी और जीतू जिराती में अहम समानता यह भी है कि दोनों के पिता का पहला नाम 'रमेशचंद्र' है. यही नहीं, अलग-अलग पार्टियों के दोनों ही नेता उस खाती समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जिसके मतदाता राऊ विधानसभा क्षेत्र में किसी भी उम्मीदवार की चुनावी हार-जीत तय करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.