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मध्य प्रदेश: बुंदेलखंड में GST के चलते क्यों मिल सकता है BJP को झटका?

रोजगार के मामले में पिछड़े इलाकों में शुमार बुंदेलखंड अब दशकों पुराने बीड़ी उद्योग बंद होने से परेशान है

FP Staff

मोदी सरकार जीएसटी लागू करने को अपनी सबसे ऊपर की उपलब्धियों में सबसे ऊपर रखती है. जीएसटी का विरोध भी हुआ है लेकिन सरकार इसे लेकर लगातार प्रतिबद्ध रही है. लेकिन इस बार मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इसी जीएसटी के वजह से बड़ा झटका मिल सकता है.

दरअसल, मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड में बीड़ी उद्योग काफी बड़ी जगह रखता है. यहां लोगों का रोजगार बीड़ी उद्योग पर ही टिका हुआ है. लेकिन जीएसटी की वजह से यहां मजदूरों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, इसलिए यहां जीएसटी बड़ा चुनावी मुद्दा बना हुआ है.


न्यूज18 हिंदी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुंदेलखंड के सागर, दमोह, छतरपुर की एक बड़ी आबादी बीड़ी उद्योग से जुड़ी है. बीड़ी बनाकर अपनी रोजी रोटी चलाने वाली बड़ी आबादी जीएसटी के लागू होने से परेशान है, क्योंकि बीड़ी पर 28 फीसदी जीएसटी लग रहा है. इससे बीड़ी के दाम तो बढ़ गए लेकिन बीड़ी पीने वालों की तादाद घट गई. मांग घटी तो बीड़ी उद्योग की कमर टूटने लगी. आलम ये है कि घर-घर में चलने वाले छोटे-मोटे बीड़ी उद्योग तेजी से सिमट गए.

बुंदेलखंड.इन की रिपोर्ट के मुताबिक, बुंदेलखंड के हटा, दमोह, तेंदूखेड़ा, जबेरा, पटेरा, पथरिया और बटरियागढ़ में बीड़ी उद्योग रोजगार की रीढ़ है. यहां मध्यम से लेकर निम्न वर्ग तक के लिए यही रोजगार का साधन है लेकिन वन-श्रम सहकारिता विभागों के कर्मचारियों की सांठ-गांठ और लापरवाही के चलते मजदूरों के हित सालों से ताक पर रखे जा चुके हैं. यहां कई फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, जिससे मजदूर अपना रोजगार गंवा चुके हैं.

जीएसटी लागू होने के बाद यहां 8 में से 4 बड़े कारखाने बंद हो गए हैं. जीएसटी लागू होने से पहले बीड़ी पर 20 प्रतिशत वैट लगता था. लेकिन जीएसटी के बाद अब तेंदू पत्ते संग्रहण पर 18 फीसद टैक्स लगने लगा है. तेंदू पत्ते से बीड़ी बनाने पर 28 फीसद टैक्स लगता है. इस तरह तेंदू पत्ता संग्रह से लेकर बीड़ी बनाने तक पर अब 46 फीसद टैक्स लग रहा है.

इस सबके चलते बीड़ी की कीमत में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है. बीड़ी के विकल्प सिगरेट पर 28 फीसद जीएसटी लगता है. दोनों की कीमतों का अंतर कम होने के कारण लोग अब बीड़ी की जगह सिगरेट पीने लगे हैं.

रोजगार के मामले में पिछड़े इलाकों में शुमार बुंदेलखंड अब दशकों पुराने बीड़ी उद्योग बंद होने से परेशान है. कांग्रेस क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी को इस चुनाव में बड़ा मुद्दा बना रही है.